Pollution Free Diwali : प्रदूषण मुक्त पर्व की ओर एक कदम, एक्सपर्ट टिप्स के साथ मनाएं Eco-Friendly दिवाली
Pollution Free Diwali : रोशनी का त्योहार घरों को खुशियों, रंगों और उत्सव से भर देता है, लेकिन यह प्रदूषण नामक एक अवांछित तत्व को भी साथ लाता है। इस दौरान पटाखों के धुएं, बढ़ते प्रदूषक पदार्थ और बदलते मौसम का परिणाम श्वसन संबंधी समस्याओं, त्वचा में जलन और थकान के रूप में निकलता है।
स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र के विशेषज्ञों ने बताया कि जीवनशैली, आहार और पर्यावरण में छोटे-छोटे बदलाव त्योहारों के दौरान स्वस्थ रहने में आपकी कैसे मदद कर सकते हैं। संतुष्टि हॉलिस्टिक हेल्थ एंड डाइट इनसाइट अकादमी की मुख्य आहार विशेषज्ञ और संस्थापक लवलीन कौर ने व्यस्त समय के दौरान बाहर निकलने को सीमित करने और हर्बल चाय या तुलसी युक्त पानी पीने की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे आंवला, हल्दी वाला दूध और घी में भुने हुए सूखे मेवे खाने से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने तथा प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलती है। दिवाली के दौरान वायु की गुणवत्ता में भारी गिरावट आ सकती है, जिसका असर स्वस्थ व्यक्तियों पर भी पड़ सकता है। अधिक धुएं वाले पटाखों से बचने और बाहर निकलते समय एन 95 मास्क का उपयोग करने की सलाह दी।
हल्दी, तुलसी या अदरक के साथ हर्बल काढ़े का सेवन करने जैसी सामान्य आदतें श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती हैं। विटामिन सी से भरपूर फलों, हल्दी और अदरक के माध्यम से ‘एंटीऑक्सीडेंट' का सेवन बढ़ाने का सुझाव दिया। शरीर को स्वस्थ रखने और प्राकृतिक रूप से विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर करने के लिए पर्याप्त नींद, पानी का उपयोग और अच्छा हवादार माहौल आवश्यक है।
खराब वायु गुणवत्ता के बीच फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ‘स्टीडफास्ट न्यूट्रिशन' के संस्थापक अमन पुरी ने घर के अंदर ही कसरत करने की सलाह दी। घर पर योग या श्वास संबंधी व्यायाम करें, वायु शोधक यंत्रों का उपयोग करें, तथा हल्दी, पुदीना और इलायची जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जो बलगम को साफ करते हैं और श्वसन संबंधी जलन को कम करते हैं। वायु की गुणवत्ता के अलावा, त्योहारों का शोर भी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है जिससे बचने की जरूरत है।