नयी दिल्ली, 21 जुलाई (एजेंसी) देश के कई प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार से जुड़े धनशोधन के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है तथा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वे मोदी सरकार की ‘जनविरोधी, किसान विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों’ के खिलाफ अपनी सामूहिक लड़ाई जारी रखेंगे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार समेत कई विपक्षी नेताओं ने एक साझा बयान में कहा, ‘‘मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करते हुए अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई की मुहिम छेड़ रखी है। कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं को जानबूझकर निशाना बनाया गया है और उनका अप्रत्याशित तरीके से उत्पीड़न किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इसकी निंदा करते हैं। मोदी सरकार की जनविरोधी, किसान विरोधी, संविधान विरोधी नीतियों के खिलाफ हम अपनी सामूहिक लड़ाई को जारी रखने और इस लड़ाई को तेज करने का संकल्प लेते हैं। मोदी सरकार हमारे सामाजिक तानेबाने को छिन्नभिन्न कर रही है।’ इस साझा बयान पर पवार के अलावा शिवसेना के संजय राउत, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय जनता दल के अहमद अशफाक करीम, तेलंगाना राष्ट्र समिति के के. केशव राव, माकपा सदस्य इलामारम करीम, भाकपा के विनय विश्वम, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, द्रमुक के तिरुची शिवा और अन्य नेताओं के हस्ताक्षर हैं। इससे पहले, 12 विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में बैठक की और सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर चर्चा की। कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में मार्च भी निकाला। उन्होंने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर ‘स्टॉप मिसयूज ऑफ ईडी’ (ईडी का दुरुपयोग बंद करो) लिखा हुआ था। उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए। बाद में ये सांसद कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और वहां अपनी नेता के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि ईडी आज सोनिया गांधी से पूछताछ कर रही है। उसने इससे पहले सोनिया गांधी के पुत्र और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से इस मामले में पांच दिनों तक, 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी।