नयी दिल्ली, 22 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली सरकार की आबकारी नीति पर सियासी पारा चढ़ गया है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा केजरीवाल सरकार की आबकारी नीति 2021-22 में नियमों के कथित उल्लंघन की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद आप और भाजपा आमने-सामने हो गए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि दिल्ली के मुख्य सचिव की इस महीने की शुरुआत में सौंपी गयी रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गयी है। रिपोर्ट में ‘शराब के ठेकों के लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ’ देने के लिए ‘जानबूझकर और घोर प्रक्रियागत खामियां होने’ का भी जिक्र है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा लिए गए कुछ फैसलों पर तत्कालीन उपराज्यपाल ने रोक लगा दी थी क्योंकि उन्हें दिल्ली मंत्रिमंडल की मंजूरी के बिना लिया गया था। सूत्रों ने दावा किया, ‘पूर्व में लिए गए अवैध फैसलों को हाल में 14 जुलाई को मंत्रिमंडल की मुहर लगाकर वैध बनाने का प्रयास किया गया, जो अपने आप में नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन है।’ गौर हो कि दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग का नेतृत्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया करते हैं।
मनीष बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं : केजरीवाल
इस बीच, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे पता चला है कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ मामले को सीबीआई के पास भेजा गया है और वह उन्हें कुछ दिनों में गिरफ्तार करने वाली है। अदालत के समक्ष यह मामला टिक नहीं पाएगा। मनीष बेहद ईमानदार व्यक्ति हैं और वह पाक साफ साबित होंगे।’ इस बीच, आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सीबीआई और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियां दिल्ली सरकार को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उसके हर मंत्री के खिलाफ जांच कराएंगी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब में आप की शानदार जीत के बाद से ही पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ‘डरे’ हुए हैं।
आप सरकार ने गुटबंदी को बढ़ाया : लेखी
इस बीच, केंद्रीय मंत्री और भाजपा की नेता मीनाक्षी लेखी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘आप सरकार ने दिल्ली में शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर ‘गुटबंदी’ को बढ़ावा दिया।’ लेखी ने दावा किया कि लाइसेंसधारियों को करीब 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी गई, जबकि एक कंपनी को पेशगी के तौर पर जमा 30 करोड़ की राशि नियमों और प्रक्रिया का अनुपालन किए बिना लौटा दी गई।