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पुलिस ने मार गिराए बिहार के 4 वांछित अपराधी

दिल्ली के रोहिणी में एनकाउंटर

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दिल्ली के रोहिणी इलाके में मुठभेड़ स्थल पर मौजूद लोग। -एएनआई
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राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके में दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में चार वांछित अपराधी मारे गए। ये अपराधी बिहार में जबरन वसूली और हत्या के कई मामलों में कथित रूप से संलिप्त थे।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) सुरेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपियों की पहचान सीतामढ़ी जिले के निवासी रंजन पाठक (25), बिमलेश महतो उर्फ बिमलेश सहनी (25), मनीष पाठक (33) और अमन ठाकुर (21) के रूप में हुई है, जो ‘सिग्मा गिरोह’ के सदस्य थे। गिरोह के सरगना रंजन पाठक पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने रंजन को एक ‘खूंखार’ अपराधी बताते हुए कहा कि पिछले तीन महीने में वह जबरन वसूली व हत्या के चार मामलों में लिप्त रहा था। हाल में 13 अक्तूबर के मामले में उसने एक व्यक्ति से रंगदारी मांगी थी और रकम न देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। अधिकारी ने बताया कि अगले माह होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 6 अक्तूबर को आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद उसने यह धमकी दी थी।

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पुलिस ने बताया कि रोहिणी के बहादुर शाह मार्ग पर बुधवार देर रात दो बजकर 20 मिनट पर हुई यह मुठभेड़ हाल के वर्षों में दिल्ली में हुई सबसे बड़ी मुठभेड़ों में से एक है। उसने बताया कि आरोपियों की ओर से लगभग 25 से 30 राउंड गोलियां चलाई गईं, जबकि पुलिस ने लगभग 15 से 20 गोलियां चलाईं। पुलिस ने कहा कि आरोपी कथित तौर पर एक कार में सवार थे, जिसके बाद उन्हें रोक लिया गया। कार पर लगी नंबर प्लेट नकली प्रतीत हो रही थी और कार भी संभवत: चोरी की थी। आरोपियों ने कथित तौर पर पुलिस टीम पर गोलियां चला दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें चारों आरोपी घायल हो गए।

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सोशल मीडिया पर करते थे वारदातों का प्रचार

मुठभेड़ में मारे गए स्वयंभू ‘सिग्मा एंड कंपनी’ गिरोह के चार सदस्यों ने न केवल सोशल मीडिया पर अपनी हत्या की वारदातों का प्रचार किया था, बल्कि स्थानीय पत्रकारों को पर्चे भी वितरित किए थे, जिसमें वे अपने कार्यों को उचित ठहराते थे और लोगों को ‘मृत्युदंड’ देने का दावा करते थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरोह बिहार में गिरफ्तारी से बच रहा था और उसने दिल्ली में शरण ले रखी थी। पकड़े जाने से बचने के लिए उनके फोन में सिम कार्ड नहीं थे और वे सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से इंटरनेट कॉल करने के लिए आसपास के लोगों के वाईफाई हॉटस्पॉट का इस्तेमाल करते थे।

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