देहरादून/केदारनाथ, 5 नवंबर (एजेंसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को भगवान शिव के धाम केदारनाथ में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि उनकी पुन: निर्मित समाधि पर उनकी प्रतिमा के समक्ष बैठने का अनुभव बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 2013 की विनाशकारी बाढ़ के बाद, शून्य से कम तापमान में केदारपुरी में हुए पुनर्निर्माण कार्यों का श्रेय बाबा केदार को देते हुए कहा कि यह दशक उत्तराखंड का है और आने वाले वर्षों में संपर्क (कनेक्टिविटी) को अभूतपूर्व रूप से बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चल रहा है और सदियों बाद वह अपना गौरव वापस पा रहा है। एक ही शिला काटकर बनाई गई शंकराचार्य की बारह फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण करने के बाद प्रधानमंत्री ने उसके समक्ष बैठकर उनकी आराधना की। इससे पहले, मोदी ने केदारनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना की और उनका रूद्राभिषेक किया। मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचने पर पुजारियों ने प्रधानमंत्री का, उनके माथे पर लेप लगाकर स्वागत किया। मोदी के इस कार्यक्रम का आदि शंकराचार्य द्वारा चारों दिशाओं में स्थापित किए गए चारों धाम बद्रिकाश्रम ज्योतिर्पीठ बदरीनाथ, द्वारिका पीठ, पुरी पीठ और रामेश्वरम और 12 ज्योतिर्लिंगों सहित देशभर के शिवालयों में सीधा प्रसारण किया गया। ।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।