The Sabarmati Report : PM मोदी ने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ देखी फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट', शेयर की ये बात
PM Modi watched the film 'The Sabarmati Report' with cabinet colleagues
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (भाषा)
The Sabarmati Report : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों के साथ फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट' देखी। प्रधानमंत्री ने संसद के पुस्तकालय भवन स्थित बालयोगी सभागार में विक्रांत मैसी अभिनीत यह फिल्म देखी।
दिग्गज अभिनेता जितेंद्र और राशि खन्ना सहित कुछ अन्य कलाकारों ने भी फिल्म देखी। उन्होंने बताया कि मोदी ने शेयर किया कि यह प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली फिल्म है, जो उन्होंने देखी है। मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा प्रमुख जीतन राम मांझी समेत अन्य नेता मौजूद थे। धीरज सरना द्वारा निर्देशित इस फिल्म में 27 फरवरी, 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना के पीछे की सच्चाई को उजागर करने का दावा किया गया है, जिसमें एक धार्मिक समारोह में भाग लेने के बाद अयोध्या से लौट रहे 59 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी।
15 नवंबर को रिलीज हुई 'द साबरमती रिपोर्ट' में मैसी के अलावा राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाले मैसी ने कहा कि मोदी के साथ फिल्म देखने का अनुभव अलग रहा, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की और लोगों से फिल्म देखने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह अनुभव उनके करियर का एक महत्वपूर्ण क्षण रहा। फिल्म देखने के बाद 'एक्स' पर एक पोस्ट में मोदी ने फिल्म के निर्माताओं के प्रयासों की सराहना की। जितेंद्र ने कहा कि यह पहली बार है, जब उन्होंने बेटी एकता कपूर के कारण प्रधानमंत्री के साथ फिल्म देखी है। अपने समय के हिंदी फिल्म जगत के प्रमुख अभिनेताओं में से एक रहे जितेंद्र ने कहा, "उन्होंने (मोदी) मुझसे कहा कि यह प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके द्वारा देखी गई पहली फिल्म है।"
अभिनेत्री राशि खन्ना ने भी इसी तरह की टिप्पणी की और अनुभव पर खुशी व्यक्त की। सत्तारूढ़ भाजपा ने सक्रियता से इस फिल्म का प्रचार किया है और कई राज्य सरकारों ने इसे कर-मुक्त किया। घटना के समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे हुए और राज्य पुलिस ने ट्रेन के कुछ डिब्बों में आग लगाने के लिए मुस्लिम भीड़ को दोषी ठहराया था। पुलिस द्वारा चार्जशीट किए गए कई आरोपियों को बाद में अदालतों में दोषी ठहराया गया था। इस घटना से बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया था, क्योंकि कांग्रेस के सहयोगी एवं तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा गठित जांच आयोग ने दावा किया था कि आग एक दुर्घटना थी।