नयी दिल्ली, 9 अक्तूबर (एजेंसी) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डेनमार्क की उनकी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन ने शनिवार को स्वास्थ्य, कृषि, जल प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर ‘उपयोगी’ बातचीत की। वार्ता के बाद जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की और बहुत सारे क्षेत्रों में सहयोग को आगे और विस्तार देने को लेकर चर्चा की। दोनों पक्षों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और कौशल विकास के क्षेत्रों में 4 समझौते भी किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज से एक साल पहले, हमने भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह हम दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है।’ भारत और डेनमार्क के प्रधानमंत्रियों के बीच हुए एक डिजिटल सम्मेलन में हरित साझेदारी को लेकर समझौता हुआ था। इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और विज्ञान व प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए एक ढांचा तैयार करना है। वार्ता को ‘उपयोगी’ करार देते हुए मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहने और उसमें नए आयाम जोड़ते रहने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नयी साझेदारी की शुरुआत की है। भारत में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, कृषि सम्बंधित प्रौद्योगिकी में भी हमने सहयोग करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत, खाद्य सुरक्षा, कोल्ड चेन, खाद्य प्रसंस्करण, खाद, मत्स्य जैसे क्षेत्रों की प्रौद्योगिकी पर काम किया जायेगा।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।