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लालकिले की प्राचीर से बोले PM मोदी, ऑपरेशन सिंदूर से पाक की नींद उड़ी, सिंधु जल समझौता भारत को मंजूर नहीं

PM Modi Speech: : मोदी नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में ऐसी तबाही हुई है कि उसकी नींद उड़ी हुई है और अगर दुश्मनों ने आगे भी कोई...
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PM Modi Speech: : मोदी नयी दिल्ली, 15 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान में ऐसी तबाही हुई है कि उसकी नींद उड़ी हुई है और अगर दुश्मनों ने आगे भी कोई हिमाकत की तो मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा तथा भारत अब ‘न्यूक्लियर ब्लैकमैल' नहीं सहेगा।

उन्होंने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि सिंधु जल समझौता ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा' है जो भारत को मंजूर नहीं हैं। मोदी ने कहा, ‘‘आज मुझे बहुत गर्व हो रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के वीर जाबांजों को सलामी देने का अवसर मिला है। हमारे जाबांज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।'' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सीमा पार से आए आतंकवादियों ने पहलगाम में जिस तरह से कत्लेआम किया, उससे पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और पूरा विश्व भी चौंक गया था। उन्होंने कहा, ‘‘ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है।''

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प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना ने वह कर दिखाया जो कई दशकों तक नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि उसकी नींद उड़ी हुई है और रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं।'' मोदी ने पाकिस्तान और आतंकवादियों को आगाह करते हुए कहा, ‘‘आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी... । सेना की शर्तों पर, सेना द्वारा निर्धारित समय पर, सेना द्वारा तय लक्ष्य को अब हम अमल में लाकर रहेंगे। अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।''

 

उन्होंने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि अब खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को ‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा' करार देते हुए कहा कि सिंधु नदी के जल पर भारत और उसके किसानों का एकमात्र अधिकार है। मोदी ने कहा कि इस संधि ने भारत में कृषि को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने इस समझौते को जारी रखने की निरर्थकता को रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि इस संधि की वजह से सिंधु के जल से ‘‘हमारे दुश्मनों के खेतों की सिंचाई होती है, जबकि मेरे देश की धरती और मेरे देश के किसान प्यासे रहते हैं।''

मोदी ने कहा, ‘‘भारत का जो पानी है, उसका इस्तेमाल भारत के लिए होगा, सिर्फ भारत के किसानों के लिए होगा और हम अब ऐसी व्यवस्था बर्दाश्त नहीं करेंगे जो अपने किसानों को वंचित रखे।'' उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारत के किसानों को दशकों तक ‘अकल्पनीय नुकसान' उठाना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत दशकों से इसे सहन करता आ रहा है। हम इसे और सहन नहीं करेंगे। हमारे किसानों के हित में, राष्ट्र के हित में, यह समझौता हमें मंजूर नहीं है।'' प्रधानमंत्री ने स्वच्छ ऊर्जा की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने 2030 के मूल लक्ष्य से पांच साल पहले ही स्वच्छ ऊर्जा में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली है। उन्होंने कहा, ‘‘हम परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में और सुधार ला रहे हैं, इसे निजी भागीदारी के लिए खोल दिया गया है।''

प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में ‘मिशन मोड' में काम किया जा रहा है और भारत में निर्मित चिप इस साल के अंत तक बाजार में उपलब्ध होंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी का पर्व 140 करोड़ संकल्पों का पर्व का है, गौरव का पर्व है और हृदय उमंग से भरा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘देश एकता की भावना को निरंतर मजबूती दे रहा है। 140 करोड़ देशवासी तिरंगे के रंग में रंगे हैं।'' मोदी ने कहा कि भारत का संविधान 75 वर्ष से प्रकाश स्तंभ बनकर देश को मार्ग दिखाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के निर्माण में राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की दीवार गिराकर ‘एक देश, एक संविधान' के मंत्र को साकार किया गया तो श्यामा प्रसाद मुखर्जी को यह एक श्रद्धांजलि थी।

उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत भारत के किसानों को दशकों तक ‘अकल्पनीय नुकसान' उठाना पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत दशकों से इसे सहन करता आ रहा है। हम इसे और सहन नहीं करेंगे। हमारे किसानों के हित में, राष्ट्र के हित में, यह समझौता हमें अस्वीकार्य है।'' भारत ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद दशकों पुरानी इस संधि को निलंबित करने का फैसला लिया था। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।

भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है: मोदी

मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने और अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश को हमारे अंतरिक्ष क्षेत्र पर गर्व है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आ गए हैं... आने वाले दिनों में वह भारत लौट आएंगे।'' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अंतरिक्ष क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है और गगनयान के प्रक्षेपण की तैयारी कर रहा है।

गगनयान भारत का प्रमुख मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाएंगे।'' प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हाल के दिनों में लाए गए सुधारों ने 300 से अधिक स्टार्ट-अप को सक्षम बनाया है जो अंतरिक्ष क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हजारों युवा इस पर काम कर रहे हैं। यह हमारे युवाओं की शक्ति है... यह हमारे युवाओं में हमारा विश्वास है।'' शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन रहे और 15 जुलाई को वापस लौटे। भारतीय वायु सेना में ग्रुप कैप्टन और लखनऊ के मूल निवासी शुक्ला, राकेश शर्मा के 1984 के मिशन के बाद अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय और आईएसएस का दौरा करने वाले पहले भारतीय हैं। भारतीय वायुसेना के 39 वर्षीय अधिकारी और टेस्ट पायलट शुक्ला ने ‘एक्सिओम-4' मिशन के तहत अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा पूरी की। यह एक वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसे इसरो और नासा का समर्थन प्राप्त था तथा इसे एक्सिओम स्पेस द्वारा संचालित किया गया।

अनुच्छेद 370 की दीवार गिराकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई। उन्होंने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि मुखर्जी भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे। मोदी ने कहा, ‘‘हम आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 125वीं जयंती भी मना रहे हैं। वह भारत के संविधान के लिए बलिदान देने वाले पहले महापुरुष थे।''

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ‘‘जम्मू कश्मीर में धारा 370 की दीवार गिराकर, एक देश-एक संविधान के मंत्र को जब हमने साकार किया, तो हमने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को सच्ची श्रद्धाजंलि दी।'' सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को संसद से कानून पारित करके अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधानों को खत्म कर दिया था।

प्रकृति हम सभी की परीक्षा ले रही है : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में पिछले दिनों हुईं भूस्खलन और बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति हम सभी की परीक्षा ले रही है। प्रधानमंत्री ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रकृति हम सभी की परीक्षा ले रही है... हाल के दिनों में, हमने विनाशकारी घटनाओं, भूस्खलन, बादल फटने और कई अन्य आपदाओं का एक सिलसिला देखा है। हमारी हार्दिक संवेदना और एकजुटता उन लोगों के प्रति है जो इनसे प्रभावित हुए हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकारें और केंद्र सरकार, दोनों परस्पर समन्वय से काम कर रही हैं और बचाव अभियान चलाने, राहत प्रदान करने और प्रभावी पुनर्वास के लिए सभी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर रही हैं।''

भारत ने निर्धारत समय से पांच साल पहले ही स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य हासिल कर लिया

धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  कहा कि जहां एक ओर दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है, वहीं भारत ने गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों से अपनी कुल स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत प्राप्त करने का महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य निर्धारित समय से पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है। देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जब आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंतित है, भारत ने तय किया था कि 2030 तक हम देश में स्वच्छ ऊर्जा का योगदान 50 प्रतिशत तक बढ़ा देंगे।''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे देशवासियों की क्षमता और दृढ़ संकल्प देखिए कि हमने 2030 के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे हमने 2025 में ही हासिल कर लिया, यानी निर्धारित समय से पांच साल पहले... हम दुनिया के प्रति उतने ही संवेदनशील हैं जितने प्रकृति के प्रति जिम्मेदार हैं।'' गत 30 जून तक भारत की कुल स्थापित बिजली क्षमता 484.8 गीगावाट थी, जिसमें से 242.8 गीगावाट (या 50.08 प्रतिशत) गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से प्राप्त होती है, जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं।

2047 तक परमाणु ऊर्जा में दस गुना वृद्धि का लक्ष्य

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत 10 नए परमाणु रिएक्टरों पर तेजी से काम कर रहा है और देश ने अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को 2047 तक दस गुना बढ़ाने का संकल्प लिया है। स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी पहल कर रहा है। उन्होंने कहा, ''10 नए परमाणु रिएक्टरों पर तेजी से काम चल रहा है और 2047 तक हमने अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को दस गुना बढ़ाने का संकल्प लिया है... हम परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में बड़े सुधार ला रहे हैं।''

मोदी ने कहा, ''हम अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए कई देशों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, चाहे वह पेट्रोल हो, डीजल हो या गैस... हमें इनके आयात पर अरबों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इस संबंध में देश को आत्मनिर्भर बनाना बहुत जरूरी है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता 30 गुना बढ़ गई है। उन्होंने कहा, ''हम नए बांध बना रहे हैं ताकि जलविद्युत का विस्तार किया जा सके और स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराई जा सके।'' उन्होंने आगे कहा कि भारत हाइड्रोजन मिशन में भी हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है।

लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों के 5,000 से अधिक विशिष्ट अतिथि शामिल हुए

ऐतिहासिक लाल किले पर शुक्रवार को आयोजित 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में देश भर से आंगनवाड़ी सहयोगियों, लखपति दीदी और ग्राम सरपंचों सहित लगभग 5,000 विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। आमंत्रित अतिथियों में आगामी विशेष ओलंपिक 2025 के लिए भारतीय दल के सदस्य, अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के विजेता और खेलो इंडिया पैरा खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी शामिल रहे। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन के तहत मान्यता प्राप्त किसान, औषधीय पौधों की खेती में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसान, और ई-नेगोशिएबल वेयरहाउस रसीदों के लिए ऋण गारंटी योजना के माध्यम से ऋण प्राप्त करने वाली सहकारी समितियां भी इस समारोह का हिस्सा थीं। इस समारोह में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ प्लस) गांवों के सरपंच और ‘कैच द रेन' अभियान के सदस्य शामिल हुए।

अतिथियों में प्रधानमंत्री-युवा मेंटरशिप योजना के तहत चुने गए लेखक, प्रधानमंत्री-विकास के तहत प्रशिक्षित कुशल युवा, और प्रधानमंत्री-दक्ष, श्रेयस (प्रशिक्षुता और कौशल में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं के लिए योजना) और श्रेष्ठ (लक्षित क्षेत्रों में उच्च विद्यालयों में छात्रों के लिए आवासीय शिक्षा योजना) योजनाओं के छात्र लाभार्थियों ने भी उपस्थित दर्ज कराई। प्रधानमंत्री वन धन योजना, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति हब योजना, विश्वास पहल, और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) द्वारा समर्थित उद्यमियों के साथ-साथ स्वयं सहायता समूह, सफल प्राथमिक कृषि ऋण समितियां, और लखपति दीदी तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) जैसी प्रमुख योजनाओं के लाभार्थी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में विजेता दिल्ली के स्कूलों के प्रतिनिधियों, स्वच्छता अभियान के तहत चयनित 50 सफाई कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और पर्यवेक्षकों, मुक्त कराए गए बंधुआ मजदूरों, और पुनर्वासित महिलाओं एवं बच्चों ने भी समारोह में भाग लिया और सामाजिक क्षेत्र की सहभागिता दर्ज कराई। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में शामिल स्वयंसेवक, रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार पहल के अंतर्गत नवप्रवर्तक, ‘माई भारत' के स्वयंसेवक और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के आदिवासी बच्चे भी इस दल का हिस्सा थे।

सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ाते हुए, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1,500 से अधिक लोग पारंपरिक वेशभूषा में राष्ट्रीय समारोह में शामिल हुए। सीमावर्ती गांवों से आए अतिथि देश की सीमाओं पर स्थित समुदायों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। समारोह में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह, जे.पी. नड्डा, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जितेंद्र सिंह, अर्जुन मेघवाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा भी उपस्थित रहे।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर केसरिया रंग का साफा बांधकर लाल किले पहुंचे प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित समारोह में सफेद कुर्ता-पायजामे के साथ सिर पर केसरिया साफ़ा बांधे नजर आए। आजादी की वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री ने लाल किले पर लगातार 12वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और इस ऐतिहासिक स्मारक की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। मोदी ने इस अवसर पर गेरुए रंग की बंद गले की जैकेट पहनी और उनके गले में तिरंगा किनारी वाला सफेद गमछा नजर आया।

प्रधानमंत्री मोदी 2014 से हर स्वतंत्रता दिवस पर रंग-बिरंगे साफे पहनते रहे हैं। उन्होंने इस बार भी इस परंपरा को बरकरार रखा और केसरिया रंग का साफा पहना। वह पिछले साल 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सफेद कुर्ता पायजामा, आसमानी रंग की बंद गला जैकेट और लहरिया प्रिंट का बहुरंगी साफ़ा पहनकर समारोह में शामिल हुए थे। मोदी 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर आयोजित समारोह में सफेद कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के साथ बहुरंगी राजस्थानी बांधनी प्रिंट का साफ़ा पहने नजर आए थे।

प्रधानमंत्री के रूप में अपने 10वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मोदी ने काले रंग की वी-नेक जैकेट पहनी थी। उनके साफ़े में पीले, हरे और लाल रंग का मिश्रण था। उन्होंने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की धारियों वाला सफेद रंग का साफ़ा पहना था। पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के ऊपर नीले रंग का जैकेट तथा काले रंग के जूते पहने, प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और लगातार नौवीं बार देश को संबोधित किया था। इससे पहले 75वें स्वतंत्रा दिवस पर मोदी ने धारीदार केसरिया साफ़ा पहना था। 74वें स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक लाल किले पर आयोजित समारोह में मोदी ने केसरिया और क्रीम रंग का साफ़ा पहना था।

प्रधानमंत्री ने इसके साथ आधी बाजू वाला कुर्ता और चूड़ीदार पायजामा पहना था। उन्होंने केसरिया किनारी वाला सफेद गमछा भी डाल रखा था, जिसे उन्होंने कोविड-19 से बचाव के उपायों के तहत इस्तेमाल किया। वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार सत्ता में आने के बाद लाल किले से अपने पहले संबोधन में प्रधानमंत्री ने कई रंगों से बना साफ़ा पहना था। यह लाल किले से उनका लगातार छठा संबोधन था। पहली बार देश की कमान संभालने के बाद जब ऐतिहासिक लाल किले से प्रधानमंत्री ने पहली बार देश को 2014 में संबोधित किया था तब उन्होंने गहरे लाल और हरे रंग का जोधपुरी बंधेज साफ़ा पहना था।

प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में पीले रंग का साफ़ा पहना था, जिस पर बहुरंगी धारियां थीं, जबकि 2016 में उन्होंने गुलाबी और पीले रंग का लहरिया ‘टाई एंड डाई' साफ़ा चुना था। उन्होंने 2017 में सुनहरी धारियों वाला चटकीले लाल रंग का साफ़ा पहना था। उन्होंने 2018 में भी केसरिया साफ़ा पहना था। गणतंत्र दिवस समारोहों में कच्छ के लाल बांधनी साफ़े से लेकर पीले राजस्थानी साफ़े तक, मोदी के साफ़े लोगों का ध्यान आकर्षित करते रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था और देश को संबोधित किया था।

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