PM Modi ने एकता से जोड़ा महाकुंभ, भारत की धार्मिक परंपराओं का मजाक उड़ाने वालों की निंदा की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकुंभ पर आलोचनात्मक टिप्पणियों को लेकर नेताओं के एक वर्ग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि "गुलाम मानसिकता" वाले लोग विदेशी ताकतों के समर्थन से देश की धार्मिक व सांस्कृतिक परंपराओं पर हमला करते रहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने मध्यप्रदेश के छतरपुर में बागेश्वर धाम चिकित्सा एवं विज्ञान अनुसंधान केंद्र और कैंसर अस्पताल की आधारशिला रखने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए प्रयागराज में जारी महाकुंभ को ‘‘ एकता का महाकुंभ '' करार दिया। मोदी ने प्रयागराज में 144 वर्षों के बाद हो रहे महाकुंभ के धार्मिक महत्व को रेखांकित किया।
बागेश्वर धाम भगवान हनुमान से जुड़ा मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां हजारों लोग आते हैं। नेताओं का एक वर्ग, धर्म का मखौल उड़ाता है, उपहास उड़ाता है। लोगों को तोड़ने में जुटा है और बहुत बार विदेशी ताकतें भी इन लोगों का साथ देकर देश और धर्म को कमजोर करने की कोशिश करती दिखती हैं।
हिंदू आस्था से नफरत करने वाले ये लोग सदियों से किसी न किसी वेश में रहते रहे हैं। गुलामी की मानसिकता से घिरे ये लोग हमारे मठ, मंदिरों पर हमारे संत, संस्कृति व सिद्धांतों पर हमला करते रहते हैं। ये लोग हमारे पर्व, परम्पराओं और प्रथाओं को गाली देते हैं। जो धर्म, जो संस्कृति स्वभाव से ही प्रगतिशील है, उस पर कीचड़ उछालने की ये हिम्मत दिखाते हैं। हमारे समाज को बांटना, उसकी एकता को तोड़ना ही इनका एजेंडा हैं।
मोदी की यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कुप्रबंधन और भगदड़ की घटनाओं का हवाला देते हुए महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ' करार दिए जाने के बाद उठे विवाद के बीच आई है। ममता ने अधिकारियों पर मृतकों की संख्या दबाने का भी आरोप लगाया था। महाकुंभ को सफल आयोजन बनाने में 'स्वच्छता कर्मियों' और पुलिस कर्मियों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए, मोदी ने कहा कि इस "एकता के महाकुंभ" में हजारों डॉक्टर और स्वयंसेवक स्वेच्छा से समर्पण और सेवा की भावना से लगे हुए हैं।