आईएनएस विक्रांत पर मनाई PM मोदी ने दिवाली, कहा– तीनों सेनाओं के समन्वय से PAK ने घुटने टेके
INS Vikrant: प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर मौजूद नौसेना कर्मियों को संबोधित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर नौसेना के जवानों के साथ दिवाली मनाई और इस अवसर पर देश की सुरक्षा सेनाओं की वीरता और एकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के असाधारण समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों की वीरता और समर्पण ने देश को “नक्सलवाद से मुक्ति” की दिशा में ऐतिहासिक उपलब्धि दिलाई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर मौजूद नौसेना कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह युद्धपोत सिर्फ एक जहाज नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भारत की मेहनत, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारत की सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना का सशक्त प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीनों सेनाओं के अभूतपूर्व तालमेल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को आत्मसमर्पण करने पर मजबूर किया। मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत अब नक्सली हिंसा से आजादी के मुहाने पर खड़ा है, “यह आजादी अब हमारे द्वार पर दस्तक दे रही है।” उन्होंने बताया कि पहले 125 ज़िले नक्सलवाद की चपेट में थे, जो अब घटकर केवल 11 ज़िले रह गए हैं।
आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि देश ने नक्सलवाद समाप्त करने में 90 प्रतिशत सफलता हासिल कर ली है। उन्हें विश्वास है कि पुलिस और सुरक्षा बल पूरी तरह से इस हिंसा को समाप्त करने में सफल होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार का लक्ष्य भारत को विश्व के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल करना है। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से अब तक भारतीय शिपयार्ड्स द्वारा 40 से अधिक युद्धपोत और पनडुब्बियां तैयार की गई हैं। आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) इसी दिशा में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रमाण है।
उन्होंने यह भी कहा कि “ब्रह्मोस (BrahMos) नाम सुनते ही कई देशों में भय का वातावरण बन जाता है, और अब कई राष्ट्र इन मिसाइलों को खरीदने की इच्छा जता रहे हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “बीती रात मैंने आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) पर जो समय बिताया, उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मैंने आपके चेहरों पर जो ऊर्जा, जो उत्साह देखा, वह प्रेरणादायक है। जब मैंने आपको देशभक्ति के गीत गाते और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की गाथा सुनाते देखा, तो लगा जैसे मैं भी उसी रणभूमि में आपके साथ खड़ा हूं।”
प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि “मेरी यह दिवाली खास रही क्योंकि मैंने इसे आप सबके बीच, आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) के वीर जवानों के साथ मनाया।”