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PM मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' को बताया इतिहास का सबसे बड़ा आतंकवाद विरोधी अभियान

भोपाल, 31 मई (भाषा) Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के बाद ‘सिंदूर' वीरता का प्रतीक बन गया है और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि गोली का जवाब गोले...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के भोपाल में 'महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन' को संबोधित करते हुए। फोटो स्रोत पीएमओ
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भोपाल, 31 मई (भाषा)

Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के बाद ‘सिंदूर' वीरता का प्रतीक बन गया है और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर' को देश के इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे सफल आतंकवाद विरोधी अभियान भी बताया।

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लोकमाता देवी अहिल्याबाई महिला सशक्तीकरण महासम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘‘सिंदूर अब देश में वीरता का प्रतीक बन गया है... अगर तुम गोली चलाओगे तो मानकर चलो कि गोली का जवाब गोले से दिया जायेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत संस्कृति और परंपराओं का देश है और सिंदूर हमारी परंपरा में नारी शक्ति का प्रतीक है। राम भक्ति में लीन हनुमान जी भी सिंदूर लगाते हैं। हम शक्ति पूजा में सिंदूर चढ़ाते हैं। यह सिंदूर वीरता का प्रतीक बन गया है।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपरेशन सिंदूर ने डंके की चोट पर कह दिया कि आतंकवादियों के जरिए छद्म युद्ध नहीं चलेगा, अब घर में घुसकर भी मारेंगे और जो आतंकियों की मदद करेगा उसको भी इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।''

इस महीने की शुरुआत में, भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ बहावलपुर और लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा मुरीदके शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 नागरिकों के हत्या किए जाने की घटना के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत सैन्य हमले किए गए। सिंदूर हिंदू महिलाओं की वैवाहिक स्थिति का प्रतीक है और 22 अप्रैल को पहलगाम नरसंहार के बाद ऑपरेशन के नाम के रूप में इसका इस्तेमाल जोरदार तरीके से हुआ। पहलगाम के हमले में, आतंकवादियों ने पुरुषों को निशाना बनाया और उनका धर्म पूछने के बाद उन्हें मार डाला।

मोदी ने कहा, ‘‘पहलगाम में आतंकवादियों ने न केवल भारतीयों का खून बहाया बल्कि हमारी संस्कृति पर भी हमला किया। उन्होंने हमारे समाज को बांटने की कोशिश की और सबसे बड़ी बात यह है कि आतंकवादियों ने भारत की नारी शक्ति को चुनौती दी है।''

उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनौती आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए मौत की घंटी बन गई है। ऑपरेशन सिंदूर आतंकवादियों के खिलाफ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे सफल ऑपरेशन है। जब पाकिस्तानी सेना कल्पना भी नहीं कर सकती थी, हमारी सेना ने आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया।''

उन्होंने कहा, ‘‘इस बार 75 महिलाएं संसद सदस्य बनी हैं। हमारा प्रयास इस संख्या को बढ़ाने का है। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पीछे यही भावना है। संसद और राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण अब हासिल हुआ है, जो लंबे समय से लंबित था।''

महिला आरक्षण विधेयक एवं नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है जिसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में कुल सीट में से एक तिहाई सीट आरक्षित करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि भाजपा सरकार हर स्तर पर और हर क्षेत्र में हमारी बहनों और बेटियों को सशक्त बना रही है।''

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आज दुनिया राष्ट्रीय रक्षा में भारत की बेटियों की क्षमता देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए भी सरकार ने पिछले दशक में कई कदम उठाए। स्कूल से लेकर युद्ध के मैदान तक, आज देश को अपनी बेटियों की बहादुरी पर अभूतपूर्व विश्वास है।'' ‘

नाविका सागर परिक्रमा-द्वितीय' के सफल समापन के बाद स्वदेश लौटीं भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और उनकी साथी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना की दो बहादुर बेटियों ने लगभग 250 दिनों की समुद्री यात्रा पूरी की है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने मोटर से नहीं बल्कि हवा से चलने वाली नौका में हजारों किलोमीटर की यात्रा करके पृथ्वी की परिक्रमा की। कल्पना कीजिए कि 250 दिनों तक समुद्र में रहना कैसा होगा।'' उन्होंने यह भी कहा कि अहिल्याबाई होलकर भारत की विरासत की संरक्षक थीं और उन्होंने देश के मंदिरों और तीर्थ स्थलों की रक्षा की जब उन पर हमला हो रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ‘नागरिक देवो भव' के मंत्र पर काम कर रही है जो अहिल्याबाई होलकर का दर्शन था।'' अठारहवीं सदी के मालवा में होलकर राजवंश की रानी होलकर को उनके असाधारण शासन, सामाजिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता और संस्कृति और आध्यात्मिकता के प्रति योगदान के लिए याद किया जाता है। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी 300वीं जयंती के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट और 300 रुपये का सिक्का जारी किया।

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