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सरकार के मुखिया के रूप में PM मोदी का 25वां वर्ष शुरू, बोले- देश में किए अनेक ऐतिहासिक परिवर्तन 

भारत की जनता के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं : मोदी
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सरकार के मुखिया के रूप में अपने 25वें वर्ष की शुरुआत करते हुए कहा कि लोगों के जीवन में सुधार लाना और इस महान राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना उनका निरंतर प्रयास रहा है।

मोदी ने ‘एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट कर कहा कि उन्होंने 2001 में आज ही के दिन पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उन्होंने उन बदलावों पर जोर दिया जो पहले उनके गृह राज्य में और फिर उनके कार्यकाल में पूरे देश में आए। अपने साथी भारतीयों के निरंतर आशीर्वाद से मैं सरकार के मुखिया के रूप में अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहा हूं। भारत की जनता के प्रति मैं आभार व्यक्त करता हूं। इन सभी वर्षों के दौरान मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि हम अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाएं तथा इस महान राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें, जिसने हम सभी का पालन-पोषण किया है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान ‘‘भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीतिगत पक्षाघात के सबसे बुरे रूप से'' ग्रस्त भारत अब दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का देश है।

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पीएम ने कहा कि किसान नवाचार कर रहे हैं। यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि राष्ट्र आत्मनिर्भर हो, जबकि सरकार ने व्यापक सुधार किए हैं। लोकप्रिय भावना देश को सभी क्षेत्रों में "आत्मनिर्भर" बनाने की है, जो ‘‘गर्व से कहो, ये स्वदेशी है'' के आह्वान में परिलक्षित होती है। बीते 11 वर्षों में हम भारत के लोगों ने परिश्रम की पराकाष्ठा करते हुए निर्णायक कदम उठाते हुए देश में अनेक ऐतिहासिक परिवर्तन किए। समाज का हर वर्ग सशक्त हुआ। हमारे युवाओं, हमारी नारीशक्ति और अन्नदाताओं के लिए विशेष प्रयास किए गए। देश के 25 करोड़ से अधिक लोगों ने गरीबी को परास्त करके दिखाया। आज भारत दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के बीच आशा की किरण के रूप में दिखाई दे रहा है।

जब भाजपा ने 2013 में उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुना था, तब देश विश्वास और शासन के संकट से गुजर रहा था। तत्कालीन संप्रग सरकार भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीतिगत निष्क्रियता के सबसे बुरे रूप का पर्याय थी। भारत को वैश्विक व्यवस्था में एक कमजोर कड़ी के रूप में देखा जाता था, लेकिन भारत की जनता के विवेक ने हमारे गठबंधन को भारी बहुमत दिलाया और यह भी सुनिश्चित किया कि हमारी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिले, जो तीन दशकों के लंबे अंतराल के बाद पहली बार हुआ।

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी नियुक्ति को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने बहुत ही कठिन परिस्थितियों में पदभार संभाला था, क्योंकि राज्य में भीषण भूकंप आया था। लोगों की परेशानियां और भी बदतर हो गई थीं, क्योंकि वे इससे पहले एक बड़े चक्रवात, लगातार सूखे और राजनीतिक अस्थिरता से घिरे हुए थे। इन चुनौतियों ने लोगों की सेवा करने तथा नए उत्साह व आशा के साथ गुजरात के पुनर्निर्माण के संकल्प को मजबूत किया। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करते समय मां द्वारा दिए गए सुझावों को प्रेम से याद किया।

कहा कि जब मैंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो मुझे याद है कि मेरी मां ने मुझसे कहा था- मुझे तुम्हारे काम की ज्यादा समझ नहीं है लेकिन मैं केवल दो चीजें चाहती हूं। पहली, आप हमेशा गरीबों के लिए काम करेंगे और दूसरी, आप कभी रिश्वत नहीं लेंगे। मैंने लोगों से यह भी कहा था कि मैं जो भी करूंगा, वह अच्छे इरादे से करूंगा और पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति की सेवा करने की दूरदृष्टि से प्रेरित रहूंगा।

2001 में यह माना जाता था कि गुजरात फिर कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा। किसानों समेत आम नागरिक बिजली और पानी की कमी की शिकायत करते थे, कृषि में मंदी थी और औद्योगिक विकास ठप था। वहां से, हम सभी ने मिलकर गुजरात को सुशासन का केंद्र बनाने के लिए काम किया।

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