नयी दिल्ली, 11 नवंबर (एजेंसी)
नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी (ओवर-द-टॉप) प्लेटफॉर्म और समाचार पोर्टल अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दायरे में आ गये हैं। इसके लिए सरकार ने (कार्य आवंटन नियम) 1961 में संशोधन किया है। मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से मंगलवार रात जारी की गयी अधिसूचना के अनुसार यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इसके साथ ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध फिल्म, ऑडियो-विजुअल कंटेंट और समाचार व समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों की नीतियों के विनियमन का अधिकार मिल गया है।
लेखकों और निर्देशकों के एक तबके ने फैसले पर निराशा व्यक्त की है। फिल्मकार हंसल मेहता ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर नियंत्रण ठीक नहीं है। निर्देशक एवं लेखक अंशुमन ने फैसले को अस्वीकार्य बताया और दर्शकों तथा क्रिएटरों से इसे चुनौती देने की अपील की। वहीं, फिल्मकार रीमा कागती ने कहा कि हालांकि सेंसरशिप के बारे में कुछ खास नहीं कहा गया है, सिवाय इसके कि यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दायरे में आ गया है। यह देखने के लिए इंतजार करना चाहिए कि वास्तव में इसका क्या तात्पर्य है।
ओटीटी के नियमन को लेकर एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा था। उसके एक माह के भीतर ही सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है। यह क्षेत्र अब तक बिना नियमन के चल रहा था।