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Photos: पंजाब में दर्द छोड़ गया बाढ़ का पानी, तस्वीरें देख आप भी हो जाएंगे भावुक

Punjab flood: पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब बाढ़ का पानी उतर चुका है। जिन खेतों में कभी हरी-भरी फसलें लहराती थीं, वहां अब गाद की मोटी परत जमी है। यह तस्वीरें सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र की हैं,...
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बाढ़ के बाद: जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, कपूरथला के सुल्तानपुर लोधी में मंड क्षेत्र के कई हिस्सों में गाद जमाव देखा गया। ट्रिब्यून फोटो: मलकियत सिंह
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Punjab flood: पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों में अब बाढ़ का पानी उतर चुका है। जिन खेतों में कभी हरी-भरी फसलें लहराती थीं, वहां अब गाद की मोटी परत जमी है। यह तस्वीरें सुल्तानपुर लोधी के मंड क्षेत्र की हैं, जहां किसान अब अपने ही खेतों को पहचान नहीं पा रहे।

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एक पीड़ित किसान का कहना है, “साल भर की मेहनत इसी मिट्टी में दफन हो गई। हमने उम्मीद की थी कि इस बार अच्छी फसल होगी, लेकिन अब तो खेत बोने लायक भी नहीं बचे।”

बाढ़ ने सिर्फ फसलें ही नहीं छीनीं, बल्कि किसानों के सपने भी बहा ले गई। जिन खेतों से बच्चों की पढ़ाई, घर का खर्च और आने वाले दिनों की उम्मीदें जुड़ी थीं, वहां अब सिर्फ गाद का सन्नाटा पसरा है।

कई किसानों के लिए यह कर्ज का पहाड़ बनने जैसा है, क्योंकि बीज, खाद और कीटनाशक में किया गया खर्च अब पूरी तरह डूब चुका है।

गांव की गलियों में गमगीन माहौल है। महिलाएं हाथ में टूटे पौधे लिए अपने खेतों को निहार रही हैं, तो बुजुर्ग बार-बार आसमान की ओर देखकर कहते हैं—“रब्बा, होर सहार दे।”

विशेषज्ञों का कहना है कि गाद हटाना आसान नहीं है। खेतों को दोबारा खेती योग्य बनाने में महीनों लग सकते हैं और भारी खर्च भी उठाना होगा। ऐसे में किसानों को सरकारी मदद का बेसब्री से इंतजार है।

भले ही बाढ़ का पानी भले उतर गया हो, लेकिन उसके पीछे छोड़ा गया दर्द लंबे समय तक इन किसानों का पीछा करेगा। जिन खेतों में कभी सुनहरी बालियां लहराती थीं, वहां आज सिर्फ उम्मीद और सब्र की परीक्षा बची है।

(ट्रिब्यून फोटो: मलकियत सिंह)

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