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मतपत्रों के जरिये मतदान कराने की याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती!
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नयी दिल्ली, 26 नवंबर (एजेंसी)

देश में चुनावों के लिए फिर से मतपत्रों के जरिये मतदान कराने की व्यवस्था किए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने टिप्पणी की, ‘जब आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ नहीं होती। जब आप चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है।’

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जब याचिकाकर्ता केए पॉल ने कहा कि जनहित याचिका उन्होंने दायर की है, तो पीठ ने कहा, ‘आपके पास दिलचस्प जनहित याचिकाएं हैं। आपको ये शानदार विचार कहां से मिलते हैं?’ याचिकाकर्ता ने कहा कि वह एक ऐसे संगठन के अध्यक्ष हैं जिसने तीन लाख से अधिक अनाथों और 40 लाख विधवाओं को बचाया है। इस पर पीठ ने कहा, ‘आप राजनीति के क्षेत्र में क्यों उतर रहे हैं? आपका कार्य क्षेत्र बहुत अलग है।’

पॉल ने कहा कि भ्रष्टाचार हुआ है और इस साल जून में चुनाव आयोग ने घोषणा की थी कि उसने 9,000 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। पीठ ने कहा, ‘यदि मतपत्र की ओर लौटते हैं, तो क्या भ्रष्टाचार नहीं होगा?’ पॉल ने दावा किया कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने दावा किया है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। पीठ ने कहा, ‘जब चंद्रबाबू नायडू हारे थे, तो उन्होंने कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है। अब इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे हैं तो उन्होंने कहा है कि ईवीएम से छेड़छाड़ की जा सकती है।’ जब याचिकाकर्ता ने कहा कि हर कोई जानता है कि चुनावों में पैसे बांटे गए थे तो पीठ ने टिप्पणी की, ‘हमें किसी चुनाव के लिए कभी कोई पैसा नहीं मिला।’

बैलेट चुनाव के लिए चलाना होगा अभियान : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि कमजोर तबकों का वोट जाया हो रहा है, ऐसे में मतपत्रों के जरिये मतदान होना चाहिए और इस मांग को लेकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तरह एक मुहिम शुरू करनी होगी। उन्होंने कांग्रेस के विभिन्न प्रकोष्ठों की ओर से आयोजित ‘संविधान रक्षक अभियान’ कार्यक्रम में यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जाति जनगणना कराने से डरते हैं, क्योंकि इन्हें लगता है कि ऐसा करने से सभी वर्ग अपनी हिस्सेदारी मांगने लगेंगे। खड़गे ने भाजपा पर निशाना साधते हुए दावा किया, ‘इनकी सरकार में सिर्फ काटो, बांटो की बात हो रही है। आज जो लोग संविधान को कमजोर कर रहे हैं, इनके पुरखे अंग्रेजों के मुखबिर थे।... आज सब जानते हैं कि जिस व्यक्ति ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी, उसे गोली मारने वाले कौन थे।’

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