नयी दिल्ली, 14 जुलाई (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक स्तर (नीट-यूजी) के अनेक अभ्यर्थियों ने 17 जुलाई को होने वाली वर्ष 2022 की परीक्षा को स्थगित करने का अनुरोध किया था। अदालत ने कहा कि याचिका विचारणीय नहीं है। जस्टिस संजीव नरूला ने कहा, ‘अगर कोई और होता तो अदालत याचिका खारिज करने के साथ भारी जुर्माना लगाती।’
अदालत ने याचिकाकर्ताओं के वकील से अंतिम क्षण में आने पर भी सवाल पूछा क्योंकि स्नातक स्तर के चिकित्सा और दंत-चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए परीक्षा 17 जुलाई को होनी है। याचिकाकर्ताओं ने नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा रद्द कर इसे 4 से 6 सप्ताह बाद कराने का अनुरोध किया था। इसके लिए उन्होंने अनेक आधार गिनाये जिनमें यह भी था कि नीट, जेईई और केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) का कार्यक्रम ‘अव्यवस्थित’ है। 16 विद्यार्थियों के आत्महत्या के मामले सामने आये हैं। याचिका में कहा गया कि छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिले बिना तीन राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मजबूर कर दिया गया है।