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लाल किले पर कब्जे का दावा करने वाली महिला की याचिका खारिज

नयी दिल्ली, 5 मई (एजेंसी) सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर-द्वितीय के प्रपौत्र की विधवा होने का दावा करते हुए कानूनी ‘उत्तराधिकारी' होने के नाते...
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सुप्रीम कोर्ट।
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नयी दिल्ली, 5 मई (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महिला की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर-द्वितीय के प्रपौत्र की विधवा होने का दावा करते हुए कानूनी ‘उत्तराधिकारी' होने के नाते लाल किले पर कब्जे का अनुरोध किया था। चीफ जसटिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने शुरू में याचिका को ‘गलत धारणा' वाली और ‘निराधार' करार दिया और दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। सीजेआई ने कहा, ‘शुरू में रिट याचिका दायर की गई थी, जो गलत और निराधार है। इस पर विचार नहीं किया जा सकता।' पीठ ने याचिकाकर्ता सुल्ताना बेगम के वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति नहीं दी। वकील ने कहा, ‘याचिकाकर्ता देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी के परिवार की सदस्य हैं।' सीजेआई ने कहा कि अगर दलीलों पर विचार किया जाए तो ‘केवल लाल किला ही क्यों, फिर आगरा, फतेहपुरी सीकरी आदि के किले क्यों नहीं''। दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने पिछले साल 13 दिसंबर को बेगम द्वारा दिसंबर 2021 में हाईकोर्ट के एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि चुनौती ढाई साल से अधिक की देरी के बाद दायर की गई थी, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। बेगम ने कहा कि वह अपने खराब स्वास्थ्य और बेटी के निधन के कारण अपील दायर नहीं कर सकीं।

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