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सीमा निर्धारण के लिए स्थायी समाधान जरूरी : राजनाथ

शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में चीनी रक्षा मंत्री से बातचीत
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नई दिल्ली, 27 जून (ट्रिन्यू/एजेंसी)

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को चीन के चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में द्विपक्षीय बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून से दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारण के 'स्थायी समाधान' की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की स्थायी वापसी के लिए एक रोडमैप का सुझाव दिया है।

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दोनों मंत्रियों ने बृहस्पतिवार शाम को चीन के चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक के दौरान मुलाकात की। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि दोनों मंत्रियों ने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर गहन चर्चा की। बैठक में राजनाथ सिंह ने सीमा प्रबंधन और इस मुद्दे पर स्थापित तंत्र को पुनर्जीवित करके सीमा सीमांकन का स्थायी समाधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जटिल मुद्दों को हल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। मंत्री ने कहा कि स्थायी जुड़ाव और तनाव कम करने का एक संरचित रोडमैप होना चाहिए।

उन्होंने चीनी समकक्ष एडमिरल डोंग जून को 'जीवन का वृक्ष' शीर्षक वाली मधुबनी कला पेंटिंग भेंट की।

रूसी रक्षा मंत्री के साथ सुखोई विमानों के उन्नयन पर चर्चा

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीन के चिंगदाओ शहर में अपने रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ हुई वार्ता में भारत के सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू बेड़े का उन्नयन करना, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों का उत्पादन और एस-400 मिसाइल प्रणालियों की दो खेप की शीघ्र आपूर्ति पर प्रमुखता से चर्चा हुई। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सिंह और बेलौसोव ने वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति, सीमा पार से होने वाले आतंकवाद और भारत-रूस रक्षा सहयोग जैसे विषयों पर गहन चर्चा की। रूस के रक्षा मंत्री ने भारत-रूस के दीर्घकालिक संबंधों को रेखांकित किया और पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।

 

आतंकवाद के संदर्भ के बिना एससीओ का घोषणापत्र स्वीकार्य नहीं : जयशंकर

नयी दिल्ली : केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद के संदर्भ के बिना एससीओ का घोषणापत्र भारत को स्वीकार्य नहीं है। पाकिस्तान का नाम लिये बिना उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों की बैठक के घोषणापत्र में भारत आतंकवाद का उल्लेख चाहता था लेकिन एक सदस्य देश को यह स्वीकार्य नहीं था। जयशंकर ने कहा कि इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का दृष्टिकोण सही था क्योंकि एससीओ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है और इस संदर्भ (आतंकवाद पर भारत की चिंता) के बिना सिंह ने परिणामी दस्तावेज को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

 

 

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