मणिपुर में शांति की पहल, केंद्र ने मेइती व कुकी समूहों के साथ की अहम बैठक
नयी दिल्ली, 5 अप्रैल (एजेंसी)
केंद्र ने मणिपुर के मेइती और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ शनिवार को अहम बैठक की। बैठक का उद्देश्य दोनों समुदायों में मई 2023 से चल रहे संघर्ष का सौहार्दपूर्ण समाधान खोजना और राज्य में स्थायी शांति व सामान्य स्थिति बहाल करना था। सूत्रों ने बताया कि केंद्र की पहल के तहत आयोजित बैठक में ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन (एएमयूसीओ) और फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन (एफओसीएस) के प्रतिनिधियों सहित 6 सदस्यीय मेइती प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।
कुकी प्रतिनिधिमंडल में 9 प्रतिनिधि शामिल थे। केंद्र सरकार के वार्ताकारों में खुफिया ब्यूरो के सेवानिवृत्त विशेष निदेशक ए.के. मिश्रा भी शामिल थे। बृहस्पतिवार को लोकसभा में मणिपुर पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि गृह मंत्रालय ने पहले भी मेइती और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की थी। गृह मंत्रालय जल्द ही एक संयुक्त बैठक बुलाएगा।
मणिपुर में नौ फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। बता दें कि मई 2023 में इंफाल घाटी स्थित मेइती और पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 260 लोगों की जान जा चुकी है।
मणिपुर पर जल्दबाजी में पारित किया गया संकल्प : कांग्रेस
मणिपुर में लागू राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए कांग्रेस ने संसद के दोनों सदनों में शनिवार को दावा किया कि सांविधिक संकल्प जल्दबाजी में पारित कराया गया ताकि असहज करने वाले सवालों से बचा जा सके। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा पर केंद्रीय गृह मंत्री के पास कुछ बुनियादी सवालों के जवाब नहीं थे। लोकसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को बीते बुधवार देर रात पारित किया। इसके अगले दिन इसे राज्यसभा की मंजूरी मिली।