Pawan Kalyan Case : पवन कल्याण के व्यक्तित्व अधिकार मामले में हाई कोर्ट सख्त, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 7 दिन की मोहलत
Pawan Kalyan Case : दिल्ली हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया मध्यस्थों को, आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण की व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर सात दिन में कार्रवाई करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने बताया कि कल्याण पहले ही सोशल मीडिया मध्यस्थों के समक्ष अपनी शिकायत रख चुके हैं। इससे पहले अभिनेता अजय देवगन के मामले में भी अदालत ने स्पष्ट किया था कि ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता को पहले सोशल मीडिया मध्यस्थों के पास अपनी शिकायत दर्ज करानी होगी और फिर अदालत का रुख करना चाहिए।
हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया मध्यस्थों को निर्देश दिया कि वे कल्याण की याचिका को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियमावली, 2021 के तहत एक शिकायत के रूप में स्वीकार करें और सात दिन में आवश्यक कदम उठाएं। कल्याण की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जे. साई दीपक ने बताया कि उपमुख्यमंत्री एआई से बने उनके वीडियो गूगल पर आने, और मेटा तथा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर फर्जी कंटेंट से परेशान हैं।
अदालत ने वादी (कल्याण) को निर्देश दिया कि वह जिन यूआरएल को हटवाना चाहते हैं, उनकी सूची 48 घंटे में सोशल मीडिया मध्यस्थों को दें। मामले पर अगली सुनवाई 22 दिसंबर को निर्धारित की गई है। कल्याण ने सोशल मीडिया मंचों और ई-कॉमर्स वेबसाइट द्वारा उनके नाम, तस्वीरें और शख्सियत एवं पहचान के अनधिकृत उपयोग को रोकने तथा व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा के लिए हाई कोर्ट का रुख किया था। व्यक्तित्व अधिकार के तहत किसी व्यक्ति को अपनी तस्वीर, नाम या पहचान की सुरक्षा, उन पर नियंत्रण रखने और उनके उपयोग से लाभ प्राप्त करने का अधिकार होता है।
हाल में, फिल्म कलाकार ऐश्वर्या राय बच्चन, उनके पति अभिषेक बच्चन और सास जया बच्चन, ऋतिक रोशन और अजय देवगन, फिल्म निर्माता करण जौहर, गायक कुमार सानू, तेलुगु अभिनेता अक्किनेनी नागार्जुन, ‘आर्ट ऑफ लिविंग' के संस्थापक श्री श्री रविशंकर, पत्रकार सुधीर चौधरी और पॉडकास्टर राज शमानी ने भी अपने व्यक्तित्व और प्रचार अधिकारों की सुरक्षा के लिए हाई कोर्ट का रुख किया है। अदालत ने उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की। फिल्म अभिनेता सलमान खान और तेलुगु अभिनेता जूनियर एनटीआर ने भी अपने व्यक्तित्व अधिकारों की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है।
