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दिवंगत बेटे, ससुर की प्रेरणा को जिंदा रखने का जुनून

महिला दिवस पर विशेष : लॉन टेनिस पदक विजेता मधु मान पहली महिला अधिकारी
45 की उम्र में बनी चैम्पियन, अभी तक चंडीगढ़ के लिए झटके कई पदक, अब हरियाणा की ओर से खेलेंगी।
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 7 मार्च

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उम्र 48 वर्ष। खेल के प्रति जुनून बरकरार। मैदान पर रोज प्रैक्टिस। खाते में चंडीगढ़ के लिए कई अवार्ड। अब हरियाणा की ओर से खेलने की तैयारी। यह संक्षिप्त विवरण है मधु मान का। चंडीगढ़ के सेक्टर-10 स्थित पॉलिटेक्निक कॉलेज में एप्लाइड साइंस की एचओडी। चंडीगढ़ में 11 वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत मधु मान अब हरियाणा लौटेंगी।

प्रदेश सरकार ने उन्हें तकनीकी शिक्षा विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर (संयुक्त निदेशक) के पद पर नियुक्त किया है। 18 वर्ष के जवान बेटे को खोने के बाद पूरी तरह से टूट चुकी मधु मान ने खुद को संभाला और बेटे के सपनों को साकार करने के लिए उतरीं लॉन-टेनिस कोर्ट में। तीन गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीते। ये पदक उन्होंने 2018 में पुणे में जीते। बीच में कोविड की वजह से टूर्नामेंट नहीं हुए। वर्ष 2022 में सिल्वर और कांस्य जीता। उससे पहले 2021 में चंडीगढ़ के लेक क्लब में दो सिल्वर मेडल झटके। वहीं, 2023 में उदयपुर में चंडीगढ़ को दिलाया सिल्वर। पिछले साल यानी 2024 में जयपुर में उन्होंने दो गोल्ड मेडल अपने नाम किए। अहम बात यह है कि आल इंडिया सिविल सर्विसिज लॉन टेनिस टूर्नामेंट में इस उम्र में अवार्ड हासिल करने वाली मधु मान पहली महिला अधिकारी हैं।

मूल रूप से रोहतक (हरियाणा) की बेटी मधु मान के पति प्रो़ अमनेंद्र मान ‘नीटू’ चंडीगढ़ के सेक्टर-10 स्थित डीएवी कॉलेज में प्रोफेसर हैं। शूटिंग के खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए अलग पहचान रखने वाले नीटू भी पोलो के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे हैं।

वहीं, मधु मान के ससुर प्रो. नसीब सिंह मान टेनिस के अच्छे प्लेयर रहे। वह फुटबाल के भी अच्छे खिलाड़ी रहे। ससुर और बेटे आर्यन ने ही मधु मान को नौकरी के साथ खेल को जारी रखने के लिए प्रेरित किया।

बेटे के नाम पर फाउंडेशन

18 वर्ष की उम्र में ब्रेन ट्यूमर की वजह से इकलौते बेटे आर्यन के निधन के बाद मधु मान और उनके पति ने मिलकर ‘आर्यन फाउंडेशन’ बनाया। पति-पत्नी अपने वेतन का 20 से 25 प्रतिशत हिस्सा फाउंडेशन में देते हैं और इससे गरीब व जरूरत विद्यार्थियों व खिलाड़ियों की मदद की जाती है। मधु ने जींद की खिलाड़ी रिया कौशिक को एडॉप्ट किया हुआ है। उसकी डाइट पर हर माह पांच हजार रुपये खर्च करते हैं। रिया खेलो इंडिया में भी भाग ले चुकी है। वहीं पंजाब के नग्गल गांव के विवेक की पूरी एजुकेशन का जिम्मा लिया हुआ है। उस पर भी मधु हर माह 6 से 7 हजार रुपये खर्च कर रही हैं। सरकारी नीति के तहत मिलने वाला इन्क्रीमेंट और अवार्ड का पैसा भी वह खिलाड़ियों के जूते, खेल उपकरण, वर्दी और विद्यार्थियों की किताबों व यूनिफार्म आदि पर खर्च करती हैं। यह आइडिया बेटे का था।

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