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देश में पहली बार बनेंगे यात्री विमान, रूस से करार

रूस के एसजे-100 असैन्य विमानों का निर्माण अब भारत में भी होगा। छोटी दूरी की उड़ानों के लिए दो-इंजन वाले इस ‘नैरो-बॉडी’ विमान के निर्माण के लिए सरकारी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने रूसी सरकार के नियंत्रण वाली...

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रूस के एसजे-100 असैन्य विमानों का निर्माण अब भारत में भी होगा। छोटी दूरी की उड़ानों के लिए दो-इंजन वाले इस ‘नैरो-बॉडी’ विमान के निर्माण के लिए सरकारी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने रूसी सरकार के नियंत्रण वाली पब्लिक जॉइंट स्टॉक कंपनी- यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कोऑपरेशन (पीजेएससी-यूएसी) के साथ एक समझौता किया है। इस पर सोमवार को मॉस्को में हस्ताक्षर किए गए। यह भारत में किसी यात्री विमान के निर्माण की दिशा में पहली परियोजना है। एचएएल ने कहा कि भारत में एसजे-100 विमान का निर्माण भारतीय विमानन उद्योग के इतिहास में एक नये अध्याय की शुरुआत करेगा। यह भारत में ‘उड़ान’ योजना के तहत छोटी दूरी की हवाई यात्रा के लिए निर्णायक साबित होगा। यह समझौता एचएएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डीके सुनील तथा पीजेएससी-यूएसी के महानिदेशक वादीम बडेखा की उपस्थिति में हुआ। अब तक 200 से अधिक एसजे-100 विमान बनाए जा चुके हैं और 16 से अधिक वाणिज्यिक विमानन कंपनियां इनका इस्तेमाल कर रही हैं।

रूस से तेल खरीदना जारी रखेगी आईओसी

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) और अन्य भारतीय तेल कंपनियां रूस से कच्चे तेल की खरीद पूरी तरह से बंद नहीं करेंगी, क्योंकि हालिया प्रतिबंध केवल विशिष्ट रूसी आपूर्तिकर्ता के लिए हैं, न कि तेल पर। अधिकारियों ने बताया कि अब तक चार रूसी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगे हैं, लेकिन भारत को सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता कंपनी रोसनेफ्ट (जो लगभग 45 प्रतिशत तेल प्रवाह का प्रबंधन करती है) वास्तविक उत्पादक नहीं, बल्कि एक ‘एग्रीगेटर’ है। पिछले सप्ताह रूस के दो शीर्ष कच्चे तेल निर्यातकों पर अमेरिका के प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भारतीय रिफाइनरियों ने रूसी तेल के लिए कोई नया ऑर्डर नहीं दिया है।

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