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मतदाता सूची मुद्दे पर संसद ठप

बिहार मसले पर विपक्ष का सदन के भीतर-बाहर प्रदर्शन, तख्तियां लहराईं
संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करते इंडिया गठबंधन के नेता। -एएनआई
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बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। मानसून सत्र के दूसरे दिन कुछ सदस्यों ने तख्तियां भी लहरायीं, जिन पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के विरोध में नारे लिखे थे। विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने सदन के बाहर भी प्रदर्शन किया।

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में तय हुआ था कि सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी, लेकिन विपक्षी सदस्य एक साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, यह कैसे संभव हो सकता है। वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स पर कहा, ‘मोदी सरकार ने चुनाव आयोग द्वारा की जा रही ‘वोटबंदी’ पर चर्चा से इनकार कर दिया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि पहलगाम-ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कब

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शुरू होगी और क्या प्रधानमंत्री जवाब देंगे।’

उपसभापति ने की अध्यक्षता

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफ के एक दिन बाद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार सुबह सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता की। उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं और आमतौर पर कार्यवाही की शुरुआत में सदन की अध्यक्षता करते हैं।

चुनाव की शुचिता बढ़ेगी : आयोग

चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण को उचित ठहराते हुए कहा है कि यह सूची से अयोग्य व्यक्तियों को हटाकर चुनाव की शुचिता को बढ़ाता है। इसके खिलाफ दायर याचिकाओं पर आयोग द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि पहचान के सीमित उद्देश्य के लिए आधार, मतदाता कार्ड और राशन कार्ड पर पहले से ही विचार किया जा रहा है। आयोग ने यह भी कहा कि कानून के अनुसार, आधार नंबर नागरिकता या निवास आदि का प्रमाण नहीं है।

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