तीसरे दिन भी संसद ठप, ऑपरेशन सिंदूर पर बहस 28 को
संसद का मानसून सत्र तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले सप्ताह संसद में पहलगाम आतंकवादी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली चर्चा में हस्तक्षेप कर सकते हैं। लोकसभा 28 जुलाई को इस मुद्दे पर चर्चा करेगी, जहां विपक्ष प्रधानमंत्री के जवाब पर ज़ोर दे रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने संकेत दिया है कि प्रधानमंत्री जवाब नहीं तो हस्तक्षेप कर सकते हैं, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के विस्तार से जवाब देने की उम्मीद है।
संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे के कारण बुधवार को लगातार तीसरे दिन गतिरोध कायम रहा। दोनों सदनों में प्रश्नकाल एवं शून्यकाल सामान्य ढंग से नहीं चल पाए। लोकसभा में सरकार की ओर से दो विधेयक पेश किए गए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों को कड़े शब्दों में चेतावनी दी थी कि सदन में तख्तियां लेकर आने वाले सांसदों पर उन्हें निर्णायक कार्रवाई करनी पड़ेगी। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं, जिन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे हुए थे। हंगामे के बीच ही खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 सदन में पेश किए। राज्यसभा में सदन की बैठक शुरू होने पर शून्यकाल में उप सभापति हरिवंश ने कहा कि नियत कामकाज स्थगित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं। उपसभापति ने बताया कि पूर्व में दी गई व्यवस्था के अनुपालन में ये नोटिस अस्वीकार कर दिए गए।