Parliament Session : विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित
बिहार में चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे फिर शुरू होने के कुछ ही पल बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। उधर, विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे शुरू हुई और उपसभापति हरिवंश ने पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक 2025 विचार करने एवं पारित करने के लिए प्रस्ताव पेश करने को कहा। इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने एसआईआर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया और कुछ सदस्य आसन के समीप आ गए। उप सभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की। लेकिन हंगामा न थमते देख उन्होंने बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी। हंगामे की वजह से सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल भी नहीं हो पाया। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने सदन को सूचित किया कि कुछ सदस्यों ने दिन का नियत कामकाज स्थगित कर एसआईआर प्रक्रिया, पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए 12 कार्य स्थगन नोटिस दिए हैं।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के सदस्य पी संदोष कुमार ने उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अप्रत्याशित इस्तीफे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। हरिवंश ने बताया कि ये नोटिस अस्वीकृत कर दिए गए हैं। उन्होंने सदन में शून्यकाल शुरू करने को कहा। इसी बीच विपक्षी सदस्य अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए हंगामा करने लगे। कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे भी आ गए। उपसभापति ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील की लेकिन अपनी बात का असर न होते देख उन्होंने 11 बज कर करीब पांच मिनट पर ही बैठक को दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दिया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर बारह बजे बैठक शुरू हुई तो सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। पीठासीन अध्यक्ष घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि उन्हें एक आवश्यक सूचना सदन को देनी है। तिवाड़ी ने कहा कि गृह मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के तहत उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के तत्काल प्रभाव से इस्तीफे की 22 जुलाई 2025 को एक अधिसूचना जारी की है। इसके बाद तिवाड़ी ने प्रश्नकाल शुरू कराना चाहा लेकिन हंगामे के कारण उन्होंने कार्यवाही शुरु होने के महज दो मिनट बाद ही बैठक दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।