Parliament Monsoon Session : राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, कहा - एक दिन जरूर होगी पीओके के लोगों की घर वापसी
Parliament Monsoon Session : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के समन्वय का बेमिसाल उदाहरण बताते हुए कहा कि आज का भारत सहन करने में नहीं, बल्कि माकूल जवाब देने में विश्वास करता है। साथ ही उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि पीओके के लोगों की एक दिन ‘घर वापसी'' जरूर होगी। साथ ही रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि उसकी ओर से कुछ आतंकवादी करतूत की गयी तो ऑपरेशन सिंदूर को फिर शुरू करने में रंचमात्र भी देर नहीं की जाएगी।
सिंह ने राज्यसभा में ‘‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के मजबूत, सफल एवं निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर विशेष चर्चा'' की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) के स्तर पर संपर्क कर आग्रह किया गया था कि अब कार्रवाई रोक दी जाए। सिंह ने कहा, ‘‘मैं सदन को यह भी बताना चाहूंग कि किसी क्षेत्र पर कब्जा करना इस ऑपरेशन का मकसद नहीं था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा वर्षों से पाले गए आतंकवाद की नर्सरी का अंत करना था। उन लोगों को न्याय दिलाना था जिन्होंने पाक प्रायोजित पहलगाम हमले में अपने प्रियजनों को खो दिया।''
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘10 मई की सुबह जब भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के कई एयरफील्ड पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली और संघर्ष रोकने की पेशकश की।'' उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत में ही सिंह ने पहलगाम आतंकवादी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत की आतंरिक एवं बाह्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए देश के रक्षा बलों की जो भूमिका रही है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए, वह कम है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में यह विस्तृत जानकारी दी है कि सोमवार को सेना, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान में मारे गये आतंकवादियों के पास से मिले हथियारों की फारेंसिक जांच की गयी है। सिंह ने कहा कि जांच में यह पूरी तरफ स्पष्ट हो गया कि यह वे ही हथियार हैं जिनका इस्तेमाल पहलगाम आतंकवादी हमले में किया गया था। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘हम जो कहते हैं, वह करते हैं। यही हमारा चरित्र है।'' जम्मू कश्मीर के पहलगाम इलाके में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के बाहरी इलाके के जंगलों में सेना के शीर्ष पैरा कमांडो ने सोमवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता और उसके दो साथियों को मार गिराया था।
सिंह ने आतंकवादियों को परोक्ष समर्थन देने वालों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आज नाग पंचमी है और इस दिन सांपों को दूध पिलाना ठीक है, किंतु हर दिन सांप को दूध नहीं पिलाया जाता। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कह चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर रुका है, समाप्त नहीं हुआ है और पाकिस्तान अगर फिर नापाक हरकत करता है तो और कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सवाल पूछा जाता है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक अधिकृत कश्मीर को कब्जे में क्यों नहीं लिया गया। रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात का पूरा विश्वास है कि पाक अधिकृत कश्मीर एक दिन भारत का अंग जरूर बनेगा।
उन्होंने कहा, "एक दिन ऐसा अवश्य आएगा जब पीओके के लोग भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली और शासन व्यवस्था में शामिल होंगे।" उन्होंने इस संबंध में एक शेर के कुछ शब्द बदलते हुए कहा, ‘‘पीओके टूटने का सबब पूछो न सबके सामने नाम आयेगा तुम्हारा, यह कहानी फिर सही'' रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘देश की जनता का आशीर्वाद और ईश्वर की इच्छा रही तो पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों की घर वापसी होगी।..वह दिन आएगा, निश्चित समय नहीं बता सकता। ...जब पाक अधिकृत कश्मीर के लोग बोलेंगे कि मैं भी भारत हूं।'' उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘प्रतिपक्ष के लोग पूछते हैं कि कितने विमान गिरे। मुझे लगता है कि यह प्रश्न राष्ट्रीय भावनाओं का सही प्रतिनिधित्व नहीं करता।''
रक्षा मंत्री ने कहा कि विपक्ष को अभियान की सफलता पर, दुश्मन सेना को हुए नुकसान पर और आतंकी ढांचों को हुए नुकसान पर सवाल पूछना चाहिए था। सिंह ने कहा, ‘‘आपको प्रश्न पूछना है तो यह पूछिए कि क्या जांबाज सैनिकों को कोई क्षति हुई है तो उत्तर है ‘नहीं'।'' उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और यह संख्या अधिक भी हो सकती है। सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर से भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि हम आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने का संकल्प ले चुके हैं। सिंह ने 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध और 1971 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमने यह नहीं पूछा कि कितने विमान गिरे, कितने उपकरणों को नुकसान पहुंचा। किसी भी परीक्षा के बाद परिणाम मायने रखता है, किसकी पेंसिल टूटी, किसका पेन खो गया, इसका विचार नहीं किया जाता।''
उन्होंने कहा, ‘‘परिणाम यह है कि ऑपरेशन सिंदूर में निर्धारित लक्ष्यों को पूर्ण रूप से पाने में भारत को सफलता मिली।'' सिंह ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद छह-सात मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया गया जो केवल 22 मिनट चला और इसमें देश के सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक निशाना साधकर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया। सिंह ने कहा, ‘‘पहलगाम हमले के बाद हमारे पास जवाब देने के लिए कई विकल्प थे। लेकिन हमने उसे चुना जिसमें आतंकियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति नहीं पहुंचे।''
उन्होंने कहा, ‘‘सशस्त्र बलों ने माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया। सेनाओं ने अंधेरी रात होने के बाद हमले की सफलता के स्पष्ट प्रमाण जुटाए हैं।'' उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों और उन्हें सफलतापूर्वक नाकाम करने की भारतीय बलों की कार्रवाई का भी विस्तृत उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान हमारे किसी अड्डे को छू नहीं पाया और हमारी किसी भी महत्वपूर्ण संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा। हमारी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी। पाकिस्तान के इस हमले के जवाब में हमारी कार्रवाई साहसिक और ठोस थी।''
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों का मनोबल बुलंदी पर है, उनका संकल्प अडिग है। सिंह ने कहा, ‘‘वे सीमाओं के साथ ही राष्ट्रीय स्वाभिमान की रक्षा कर रहे हैं।'' सिंह ने कहा कि भारत हमेशा से पड़ोसी देशों से मित्रता चाहता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और सरकार का रुख स्पष्ट है कि आतंकवाद और वार्ता साथ में नहीं चल सकते। सिंह ने कहा, ‘‘....क्योंकि सभ्य मुल्कों के बीच बातचीत होती है। लोकतांत्रिक देशों में बातचीत होती है लेकिन जिसके वजूद में आतंकवाद, भारत के खिलाफ नफरत हो, उसके साथ संवाद नहीं किया जा सकता।'' उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अपनी विदेश नीति और राजकीय नीति का हथियार आतंकवाद को बना लिया है।
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और आईएसआई छद्म युद्ध के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाला नया भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी हद तक जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज का भारत बर्दाश्त करने में विश्वास नहीं करता और माकूल जवाब देना जानता है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए शांति प्राथमिकता है और शक्ति उसका आधार है। यह सामर्थ्य पहले भी था लेकिन पिछले 11 वर्ष में कई गुना बढ़ गया है। रक्षा क्षेत्र में आज का भारत आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।''
सिंह ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई पागलपन नहीं, बल्कि सुनियोजित षडयंत्र का हिस्सा है जिसमें आतंकवाद को राजनीतिक औजार की तरह इस्तेमाल किया जाता है। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की जो नीति इस सरकार ने अपनाई है, उसे पहले की सरकारों को भी अपनाना चाहिए था। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं सदन और देश की जनता को विश्वास दिलाना चहता हूं कि सरकार, सेना और संवैधानिक संस्थाएं देश की रक्षा, अखंडता के लिए जो कदम जरूरी होंगे, उठाएंगी।''