मुंबई, 29 नवंबर (एजेंसी)
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह सोमवार को पहली बार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रहे आयोग के सामने पेश हुए और समिति से कहा कि वह अपने ‘खराब स्वास्थ्य’ के कारण पहले पेश नहीं हो सके थे। सिंह की अर्जी पर संज्ञान लेते हुए जस्टिस केयू चांदीवाल आयोग ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त के खिलाफ पहले जारी जमानती वारंट को रद्द कर दिया। आयोग ने उनसे मुख्यमंत्री राहत कोष में 15,000 रुपये जमा करने का भी निर्देश दिया। सिंह ने एकल सदस्यीय आयोग के समक्ष एक हलफनामा भी दायर किया, जिसमें कहा गया कि उनके पास बयान देने के लिए कुछ भी नहीं है और वह जांच आयोग की पूछताछ का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
आवेदन में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 27 नवंबर को दिये गये संरक्षण (गिरफ्तारी से) के आधार पर, सिंह आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। अपने पिछले हलफनामे में भी, सिंह ने आयोग को बताया था कि इस साल मार्च में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को संबोधित पत्र में उल्लिखित जानकारी के अलावा उनके पास और कोई सबूत नहीं है। सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए न्यायमूर्ति चांदीवाल (सेवानिवृत्त) आयोग का गठन किया गया था।