नयी दिल्ली, 5 दिसंबर (एजेंसी)
महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को कानून के तहत ‘व्हिसलब्लोअर’ नहीं माना जा सकता, क्योंकि उन्होंने अपने तबादले के बाद ही पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने का फैसला किया। राज्य सरकार ने साथ ही, परमबीर सिंह की याचिका को खारिज करने का भी न्यायालय से अनुरोध किया। न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने गत 22 नवंबर को सिंह को बड़ी राहत देते हुए महाराष्ट्र पुलिस को उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने सिंह की याचिका पर सुनवाई के लिए 6 दिसंबर की तारीख तय की है।
ईडी ने दर्ज किया परमबीर का बयान
मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में मुंबई के निलंबित पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का बयान दर्ज किया है। यह जानकारी रविवार को आधिकारिक सूत्रों ने दी। बयान 3 दिसंबर को एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि 59 वर्षीय पूर्व पुलिस आयुक्त से करीब पांच घंटे तक मामले के विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ हुई, जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर उनके द्वारा लगाए गए आरोप से जुड़े सवाल भी शामिल हैं।