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Panchang 15 May 2025: वीरवार को क्यों की जाती है केले के पेड़ की पूजा, यहां पढ़ें इसकी वजह

चंडीगढ़, 15 मई (ट्रिन्यू) Thursday fasting rules: हिंदू परंपरा में यह विश्वास है कि भगवान चेतन और जड़ दोनों रूपों में निवास करते हैं। इसी मान्यता के तहत प्रकृति की पूजा की जाती है और वीरवार को विशेष रूप से...
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चंडीगढ़, 15 मई (ट्रिन्यू)

Thursday fasting rules: हिंदू परंपरा में यह विश्वास है कि भगवान चेतन और जड़ दोनों रूपों में निवास करते हैं। इसी मान्यता के तहत प्रकृति की पूजा की जाती है और वीरवार को विशेष रूप से केले के पेड़ की पूजा का प्रचलन है। यह दिन बृहस्पति ग्रह और भगवान विष्णु को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि केले की जड़ में जल अर्पित करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और कुंडली के ग्रह दोष भी शांत होते हैं।

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पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक वीरवार व्रत के नियमों में ब्रह्म मुहूर्त में उठना, ब्रह्मचर्य का पालन करना, चावल, दाल, मांस, प्याज, लहसुन का त्याग, और भगवान विष्णु के नामों का जाप करना शामिल है। इस दिन बाल, दाढ़ी या नाखून काटने से भी बचना चाहिए। जरूरतमंदों को अन्न दान करने का विशेष महत्व है।

स्नान से पहले मौन व्रत का पालन करें। फिर घर के बाहर स्थित केले के पेड़ को जल चढ़ाएं, जड़ में फूल अर्पित करें। हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ अर्पित करें, अंत में अक्षत चढ़ाकर परिक्रमा करें और बृहस्पति देव को प्रणाम करें। इस प्रकार केले के पेड़ की पूजा करके न केवल भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाया जा सकता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और ग्रह दोषों से राहत भी मिलती है।

Panchang 15 May 2025: राष्ट्रीय मिति वैशाख 25, शक संवत 1947

विक्रम संवत 2082

अंग्रेजी तारीख 15 मई 2025

हिन्दू मास ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष

तिथि तृतीया (04:03 AM अगला दिन तक), उपरांत चतुर्थी

वार बृहस्पतिवार

सौर मास ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 02

सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोलार्ध

ऋतु ग्रीष्म ऋतु

नक्षत्र ज्येष्ठा (02:08 PM तक), उपरांत मूल

योग शिव योग (07:02 AM तक), उपरांत सिद्ध योग

करण वणिज करण (03:17 PM तक), उपरांत बव करण

राहुकाल 01:30 PM – 03:00 PM

विजय मुहूर्त 02:33 PM – 03:28 PM

निशिथ काल 11:57 PM – 12:38 AM (रात्रि मध्य)

गोधूलि बेला 07:04 PM – 07:25 PM

चन्द्रमा की राशि वृश्चिक (02:08 PM तक), उपरांत धनु राशि

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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