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Pak-India Conflict : पीएम मोदी की कड़ी चेतावनी, कहा - दहशतगर्दों के साथ-साथ उनके संरक्षक में भी नहीं किया जाएगा माफ

आतंकवादियों और उन्हें पालने-पोसने वालों के बीच फर्क नहीं किया जाएगा : प्रधानमंत्री मोदी
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Pak-India Conflict : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से पाकिस्तान को स्पष्ट एवं कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि आतंकवादियों और उन्हें पालने-पोसने वालों को ‘‘अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे'' तथा भविष्य में किसी भी दुस्साहस की स्थिति में भारतीय सशस्त्र बल दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देंगे।

उन्होंने देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने, दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है और अब भारत ‘न्यूक्लियर ब्लैकमैल' नहीं सहेगा। हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।'' उनकी इस टिप्पणी को पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की परमाणु हथियार इस्तेमाल करने की धमकी के बाद प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

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प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के निर्णय को भी उचित ठहराया और छह दशक पुराने समझौते को ‘‘अन्यायपूर्ण और एकतरफा'' करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अब भारत ने तय कर लिया है, खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे। अब देशवासियों को भली-भांति पता चल गया है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है। किसान हित में और राष्ट्रहित में, यह समझौता हमें मंजूर नहीं है।''

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम आतंकी हमले के बाद देश में पैदा हुए आक्रोश की अभिव्यक्ति है और इस अभियान से पाकिस्तान में ऐसी तबाही हुई कि उसकी नींद उड़ी हुई है तथा रोज नये खुलासे हो रहे हैं। उन्होंने 103 मिनट लंबे अपने भाषण में कहा, ‘‘हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। देश के सीने को छलनी कर दिया गया है। अब, हमने एक ‘न्यू नॉर्मल' स्थापित किया है, आतंक को और आतंकी को पालने-पोसने वालों को, आतंकियों को ताकत देने वालों को, अब हम अलग-अलग नहीं मानेंगे। वे मानवता के समान दुश्मन है, उनके बीच कोई फर्क नहीं है।''

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी हेडक्वार्टर्स को मिट्टी में मिला दिया, आतंकी इमारतों को खंडहर बना दिया।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे बहुत गर्व हो रहा है, आज मुझे लाल किले की प्राचीर से, ऑपरेशन सिंदूर के वीर जांबाजों को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे वीर जांबाज सैनिकों ने, दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।''

उन्होंने कहा, ‘‘22 अप्रैल को पहलगाम में, सीमा पार से आतंकियों ने आकर जिस प्रकार का कत्लेआम किया, धर्म पूछ करके लोगों को मारा गया, पत्नी के सामने पति को गोली मार दी, बच्चों के सामने उनके पिता को मौत के घाट उतार दिया गया। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था और पूरा विश्व भी इस प्रकार के संहार से चौंक गया था।'' मोदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेना को खुली छूट दे दी कि वह रणनीति तय करे, लक्ष्य तय करे और समय भी वही चुने।

उन्होंने कहा, ‘‘और उसने वह करके दिखाया, जो कई दशकों तक कभी हुआ नहीं था। सैकड़ों किलोमीटर दुश्मन की धरती पर घुसकर आतंकी हेडक्वार्टर्स को मिट्टी में मिला दिया, आतंकी इमारतों को खंडहर बना दिया।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने तय कर लिया है कि इन न्यूक्लियर धमकियों को अब हम सहने वाले नहीं हैं, न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चला आया है, अब वह ब्लैकमेल नहीं सहा जाएगा। आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, हमारी सेना तय करेगी, सेना की शर्तों पर, सेना जो समय निर्धारित करे उस समय पर, सेना जो तौर-तरीके तय करे, उस तौर तरीके से, सेना जो लक्ष्य तय करे, उस लक्ष्य को अब हम अमल में लाकर के रहने वाले हैं। हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।''

उन्होंने कहा कि भारत से प्रवाहित होने वाली नदियों का पानी ‘‘दुश्मनों के खेत को सींच रहा है और मेरे देश के किसान, मेरे देश की धरती पानी के बिना प्यासी है।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा समझौता था, जिसने पिछले सात दशक से मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। अब हिंदुस्तान के हक का जो पानी है उस पर अधिकार सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान का है, हिंदुस्तान के किसानों का है।''

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