लश्कर से जुड़े आतंकी संगठन ने किया पहलगाम हमला
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहली बार अपनी रिपोर्ट में पहलगाम हमले में भूमिका के लिए लश्कर-ए-तैयबा के छद्म समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) के नाम का जिक्र किया है। इससे पाकिस्तान समर्थित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निगरानी दल की रिपोर्ट में एक सदस्य देश के हवाले से कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमला लश्कर-ए-तैयबा के समर्थन के बिना संभव नहीं था और ‘टीआरएफ तथा लश्कर’ के बीच संबंध हैं। हालांकि, रिपोर्ट में सदस्य देश का नाम उजागर नहीं किया गया है।
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि यह घटनाक्रम महत्वपूर्ण है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 प्रतिबंध समिति के सभी निर्णय, जिनमें रिपोर्ट भी शामिल हैं, संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय के सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान नेशनल असेंबली में पहलगाम हमले की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस को दिए बयान में टीआरएफ का उल्लेख हटाने के लिए दबाव डालने का दावा किया था। अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में टीआरएफ का जिक्र इस बात का संकेत है कि दुनिया पाकिस्तान के झूठ और फर्जी बयान को किस तरह देखती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, पहलगाम हमले को पांच आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। टीआरएफ ने इस हमले की जिम्मेदारी उसी दिन ली और साथ ही घटनास्थल की एक तस्वीर भी प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य सदस्य देश ने कहा कि हमला टीआरएफ ने किया था, जो लश्कर का ही दूसरा नाम है। वहीं, एक सदस्य देश ने इन दावों को खारिज किया और कहा कि लश्कर निष्क्रिय हो चुका है। ऐसा प्रतीत होता है कि जिस सदस्य देश ने दावा किया है कि लश्कर-ए-तैयबा निष्क्रिय हो चुका है, वह पाकिस्तान है।