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Pahalgam Attack : धार्मिक पहचान के लिए कपड़े उतरवाए और गोलियों से भून डाला... हमले में बची महिला ने बताया दिल दहला देने वाले मंजर की कहानी

Pahalgam Attack : धार्मिक पहचान के लिए कपड़े उतरवाए और गोलियों से भून डाला... हमले में बची महिला ने बताया दिल दहला देने वाले मंजर की कहानी
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चंडीगढ़, 23 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Pahalgam Attack : कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन में मंगलवार अपराह्न में हुए एक आतंकवादी हमले में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई। यह पिछले कई वर्षों में कश्मीर में आम नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए सबसे भयावह आतंकवादी हमलों में से एक था।

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बायसरन घाटी में जब पर्यटक अपनी छुट्टियों का आनंद ले रहे थे तब आतंकियों ने अचानक हमला करके हर किसी को हैरान कर दिया। इस हमले में जहां 28 लोगों की मौत हो गई है वहीं बहुत से लोग घायल भी हो हुए हैं। अपनों को खोने वाले परिवार का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

वहीं, हमले से बचने वाली एक महिला ने इस नरसंहार की दिल दहला देने वाली कहानी बताया। उसने बताया कि किस तरह आतंकियों ने पहले उनका धर्म पूछा और फिर गोली मारी। एक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारों से लैस आतंकी अचानक घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरे मैदान में घुस आए।

कुछ पर्यटकों का कहना है कि आतंकियों ने पहले उनसे उनका धर्म पूछा, कलमा पढ़ने को कहा और परिचय पत्र देखने के बाद हिंदू-मुस्लिम को अलग करके गोलियां बरसाने लगे। घटनास्थल के कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें लाशें और खून ही खून दिख रहा है। हालांकि हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी और घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया।

हमले में बाल-बाल बची एक महिला ने बताया कि पहले आतंकियों ने उसके पति से नाम पूछा और मुस्लिम ना होने पर उसे गोली मार दी। वहीं, कुछ आतंकियों ने लोगों के कपड़े तक उतरवाए और उनकी धार्मिक पहचान की। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे लेकिन बचने के लिए कोई जगह नहीं था।

यह छोटा-सा हिल स्टेशन दुनियाभर से आने वाले पर्यटकों के बीच पसंदीदा है। इसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है। बताया जा रहा है कि आतंकियों ने खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे या पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी।

आतंकियों ने अमरनाथ यात्री निवास नुनवान बेस कैंप से महज 15 किमी. दूर इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। यह 3 जुलाई से शुरु हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए पारंपरिक मार्ग का हिस्सा है। माना जा रहा है कि आतंकियों ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों में दहशत फैलाने के लिए यह वारदात को अंजाम दिया है। अमरनाथ यात्रा के लिए 15 अप्रैल से पंजीकरण शुरू हुआ है और अब तक 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं।

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