Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Organ Donation: हरियाणा के सचिन की ‘आखिरी यात्रा’ बनी दूसरों के जीवन की नई शुरुआत

कनीना, 23 जून (सुनील दीक्षित/निस) Organ Donation: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के कनीना उपमंडल के गांव गुढा निवासी 25 वर्षीय सचिन कुमार की कहानी आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। जुलाई 2024 में कांवड़ यात्रा पर गए सचिन...
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

कनीना, 23 जून (सुनील दीक्षित/निस)

Organ Donation: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के कनीना उपमंडल के गांव गुढा निवासी 25 वर्षीय सचिन कुमार की कहानी आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। जुलाई 2024 में कांवड़ यात्रा पर गए सचिन की एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद मृत्यु हो गई, लेकिन अंगदान के जरिए वह छह लोगों को जीवनदान देकर अमर हो गया।

Advertisement

सचिन के पिता सतीश कुमार ने बताया कि 22 जुलाई 2024 को गुरूकुल नारसन के समीप एक वाहन ने कांवड़ लाते समय सचिन को टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल सचिन को देहरादून के एक निजी अस्पताल ले जाया गया और वहां से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। 1 अगस्त को चिकित्सकों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।

दुख की इस घड़ी में भी सचिन के भाई पंकज ने बड़ा फैसला लेते हुए उसके अंगदान की सहमति दी। डॉक्टर्स की टीम ने समय रहते सचिन के दिल, आंखें और अन्य अंगों को छह ज़रूरतमंद मरीजों में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया।

एम्स ऋषिकेश की ओर से सचिन को उत्तराखंड का पहला मृतक अंगदाता घोषित किया गया है। उसकी स्मृति में लगाए गए होर्डिंग्स और पोस्टर आज हरिद्वार-ऋषिकेश मार्ग से लेकर उत्तराखंड के कई इलाकों में लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

सचिन के माता-पिता, पत्नी और दो बच्चे आज भी उसे जीवित महसूस करते हैं, क्योंकि उनका बेटा मर कर भी दूसरों की सांसों का हिस्सा बन गया है। एम्स ऋषिकेश द्वारा 13 अगस्त को आयोजित होने वाले विश्व अंगदान दिवस समारोह में सचिन के परिवार को विशेष आमंत्रण भेजा गया है।

Advertisement
×