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दिल्ली को 'पंगु' बनाने से रोकने को लाये अध्यादेश

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में किया बचाव
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सत्य प्रकाश/ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 17 जुलाई

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केंद्र सरकार ने सोमवार को उपराज्यपाल को व्यापक अधिकार देने वाले दिल्ली सेवा अध्यादेश, 2023 का बचाव करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रशासन को 'पंगु' होने से बचाने के लिए इसे तत्काल लागू करना होगा।

गृह मंत्रालय ने शीर्ष अदालत में दायर एक हलफनामे में कहा,'चूंकि, संसद का सत्र नहीं चल रहा, इसलिए राजधानी में प्रशासनिक अराजकता की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसे तत्काल लागू किया जाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय राजधानी का प्रशासन 'पंगु' न हो। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली 3 जजों की बेंच ने कहा कि अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका को संविधान पीठ के पास भेजने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को अध्यादेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। इसमें कहा गया,'सतर्कता विभाग में काम करने वाले उन अधिकारियों को दिल्ली सरकार द्वारा निशाना बनाया गया जो भ्रष्टाचार और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों को देख रहे हैं। इसी तरह विशेष सचिव (सतर्कता) व 2 अन्य अधिकारियों से शिकायतें मिलीं कि उक्त अधिकारी के कक्ष में जबरन घुसकर कुछ फाइलों को गैरकानूनी रूप से अपने कब्जे में ले लिया गया।' हल्फनामें में यह भी कहा गया कि 'ये फ़ाइलें कथित उत्पाद शुल्क घोटाले से संबंधित हैं, जिसमें दिल्ली सरकार के कुछ वरिष्ठ मंत्री जांच के दायरे में हैं और न्यायिक हिरासत में हैं। इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नए आवासीय बंगले के निर्माण पर हुए खर्च से संबंधित फाइलें और एक राजनीतिक दल के लिए दिल्ली सरकार के खजाने से दिए गए विज्ञापनों से संबंधित दस्तावेज भी शामिल हैं।

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