नयी दिल्ली, 15 फरवरी (एजेंसी)
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को 6, फ्लैगस्टाफ रोड बंगले के विस्तार के लिए संपत्तियों के कथित विलय और इसकी साज-सज्जा पर हुए खर्च की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। भाजपा ने कथित भ्रष्टाचार के कारण इस बंगले को ‘शीशमहल’ करार दिया है। इसमें अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 2015 से पिछले साल अक्तूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे।
सीवीसी ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की दो पिछली शिकायतों और सीपीडब्ल्यूडी की तथ्यात्मक रिपोर्टों का संज्ञान लिया है और उसके आधार पर अब विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। गुप्ता ने आरोप लगाया कि राजपुर रोड पर भूखंड संख्या 45 और 47 (पहले ‘टाइप-फाइव’ फ्लैट में वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायाधीशों के आवास थे) तथा दो बंगलों (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) समेत सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में मिला दिया गया। उन्होंने कहा, ‘सीवीसी ने 16 अक्तूबर 2024 को शिकायत दर्ज की और मामले को सीपीडब्ल्यूडी को भेज दिया जिसने उल्लंघन की पुष्टि करते हुए पांच दिसंबर 2024 को अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी को मामले की पूर्ण जांच करने का निर्देश दिया।’ गुप्ता ने अपनी दूसरी शिकायत में 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की मरम्मत और आंतरिक साज-सज्जा पर ‘जरूरत से अधिक खर्च’ किए जाने का आरोप लगाया।
शिकायत में कहा गया कि टेलीविजन पर 77 लाख रुपये, रेशमी कालीन पर 50 लाख, पीतल की रेलिंग पर 42 लाख, स्पा पर 20 लाख, गर्म पानी पर 18 लाख तथा शौचालय की सीट पर 12 लाख रुपये खर्च किए गए।