नयी दिल्ली, 4 अप्रैल (एजेंसी)
पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा किया, जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गयी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। सुबह बैठक शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। द्रविड़ मुनेत्र कषगम के तिरूची शिवा, भाकपा के विनय विश्वम, तृणमूल के अबीर रंजन विश्वास और कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने नियम 267 के तहत पेट्रोल,डीजल व रसोई गैस की कीमतों में हुई वृद्धि के मुद्दे पर चर्चा कराने के नोटिस दिए थे। सभापति एम वेंकैया नायडू ने यह कहते हुए सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए कि वित्त और विनियोग विधेयक पर बहस के दौरान सदस्यों को इन मुद्दों पर अपनी बात रखने का अवसर मिल चुका है।
कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्रीय सेवा नियम, केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर भी लागू होने संबंधी केंद्र की घोषणा का मुद्दा उठाने के लिए नोटिस दिया था। सभापति नायडू ने हुड्डा के इस नोटिस को भी अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और वामपंथी दलों सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा आरंभ कर दिया।
इससे पहले, असम, केरल और नगालैंड से राज्यसभा के लिए निर्वाचित छह सदस्यों को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई गई।