SIR के मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही दो बजे तक स्थगित
Parliament Monsoon Session: विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर सोमवार को भी लोकसभा में हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के 10 मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिवंगत शिबू सोरेन के सम्मान में राज्यसभा की बैठक सोमवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया, तभी विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग करने लगे। सदन में दूसरे प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की सांसद रुचि वीरा ने प्रश्नकाल के दौरान हंगामे के बीच ही श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे और विभाग के मंत्री मनसुख मंडाविया ने उत्तर दिए।
लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीटों पर बैठने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘मैंने पहले भी आपसे कहा है और फिर से कह रहा हूं कि प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण समय होता है।'' उन्होंने सदस्यों के नारेबाजी करने और तख्तियां दिखाने पर निराशा प्रकट करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के आचरण को देश देख रहा है। हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर 10 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। संसद के मानसून सत्र की शुरुआत बीते 21 जुलाई को हुई थी और निचले सदन में केवल दो दिन, गत मंगलवार और बुधवार को प्रश्नकाल हो पाया था।
शिबू सोरेन के सम्मान में राज्यसभा की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित
राज्यसभा के मौजूदा सदस्य एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिवंगत शिबू सोरेन के सम्मान में उच्च सदन की बैठक सोमवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सोरेन का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह निधन हो गया। 81 वर्षीय सोरेन का गुर्दे संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज किया जा रहा था।
उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने सोरेन के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि 11 मई 1944 को झारखंड के हजारीबाग जिले के निमरा गांव में जन्मे सोरेन ने वहीं के गोला हाईस्कूल से मैट्रिक तक की शिक्षा ली। उन्होंने कहा कि पेशे से किसान सोरेन जाने माने आदिवासी नेता थे। हरिवंश ने कहा, ‘‘बिशोम गुरू कहे जाने वाले सोरेन आम लोगों के बीच गुरूजी के नाम से लोकप्रिय थे। सोरेन जमीनी कार्यकर्ता थे जिनकी झारखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में अहम भूमिका थी।''
उपसभापति ने कहा कि आजीवन आदिवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले सोरेन आठ बार लोकसभा के सदस्य रहे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ और विशिष्ट आदिवासी नेता सोरेन आदिवासी समुदायों के अधिकारों और उत्थान के लिए प्रमुख स्वर थे। उन्होंने कहा कि नवगठित राज्य झारखंड के सबसे सम्मानित नेताओं में से एक शिबू सोरेन 2005 से 2010 के बीच तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में 2004 से 2006 तक केंद्रीय कोयला मंत्री के रूप में काम किया। हरिवंश ने बताया कि सोरेन तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे। इसमें उनका वर्तमान कार्यकाल भी शामिल है जिसके लिए वह जून 2020 में निर्वाचित हुए थे। उन्होंने कहा कि लंबे और विशिष्ट संसदीय जीवन में सोरेन ने विशेष रूप से सामाजिक न्याय, आदिवासी कल्याण और ग्रामीण विकास से जुड़े मुद्दों पर सदन में चर्चाओं और बहसों में उल्लेखनीय योगदान दिया।
हरिवंश ने कहा कि उनके निधन से देश ने एक अनुभवी सांसद, आदिवासी अधिकारों के प्रबल पैरोकार और अत्यंत सम्मानित जनप्रतिनिधि को खो दिया। इसके बाद सदस्यों ने कुछ पल मौन रह कर दिवंगत सोरेन को श्रद्धांजलि दी। दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बाद उपसभापति ने उच्च सदन की बैठक 11 बजकर चार मिनट पर कल मंगलवार पांच अगस्त को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। सोरेन को श्रद्धांजलि देने के अलावा सदन में आज और कोई कामकाज नहीं हुआ।