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Operation Trackdown: नौ दिन में 2165 अपराधी सलाखों के पीछे, हरियाणा में गैंगस्टरों की कमर टूटी

Operation Trackdown: हरियाणा पुलिस का स्पेशल मिशन ‘ऑपरेशन ट्रैक-डाउन’ अब राज्य के इतिहास की सबसे आक्रामक एंटी-क्राइम कार्रवाई बन चुका है। सिर्फ 9 दिनों में पुलिस ने 2165 अपराधियों को सलाखों के पीछे ठूंसकर साफ संदेश दे दिया है कि...

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Operation Trackdown: हरियाणा पुलिस का स्पेशल मिशन ‘ऑपरेशन ट्रैक-डाउन’ अब राज्य के इतिहास की सबसे आक्रामक एंटी-क्राइम कार्रवाई बन चुका है। सिर्फ 9 दिनों में पुलिस ने 2165 अपराधियों को सलाखों के पीछे ठूंसकर साफ संदेश दे दिया है कि हरियाणा में अपराध करेगा तो बचेगा नहीं। बड़े गैंगों से लेकर अंतरराज्यीय अपराधियों तक, किसी को भी कानून से भागने की मोहलत नहीं दी गई।

10,000 का इनामी ‘चोटिया’ गिरफ्तार

बहादुरगढ़ यूनिट की स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस अभियान में सबसे बड़ा वार करते हुए रोहित गोदारा गैंग के कुख्यात सदस्य मनोज उर्फ चोटिया को गिरफ्तार किया। इस पर 10,000 का इनाम था और यह कई संगीन वारदातों में वांछित चल रहा था। मनोज उर्फ चोटिया ने 5 दिसंबर, 2024 को नारनौल अदालत परिसर में गैंगवार की सनसनीखेज वारदात को अंजाम दिया था। अदालत में विरोधी गैंग के अपराधी अमित पर हमला कर वह फरार हो गया था। तभी से STF उसकी तलाश में थी। 13 नवंबर को ऑपरेशन ट्रैक-डाउन के तहत उसे दबोच लिया गया। उस पर अटेली, मांडवा और नारनौल थानों में हत्या के प्रयास (307 आईपीसी), दंगा, मारपीट और आपराधिक साजिश (120बी) के सात से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।

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4 साल से फरार ‘हत्या का इनामी’ भी फंसा

सिरसा पुलिस ने भी ऑपरेशन ट्रैक-डाउन के दौरान एक बड़ी कामयाबी हासिल की। 5,000 इनामी किलर जोनी, जो अगस्त 2024 की हत्या के मामले में करीब चार साल से फरार चल रहा था, राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के सरदारपुर से पकड़ा गया। जोनी लगातार अपनी पहचान और लोकेशन बदलता रहा। कभी पंजाब, कभी हरियाणा, तो कभी राजस्थान। लेकिन एवीटी स्टाफ सिरसा के सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार और टीम ने इनपुट्स की बारीकी से जांच कर उसे घेर लिया।

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9 दिन में 2165 गिरफ्तार, 438 कुख्यात अपराधी काबू

स्टेट क्राइम ब्रांच के आईजी राकेश आर्य ने बताया कि ऑपरेशन ट्रैक-डाउन ने अपराधियों की रीढ़ तोड़कर रख दी है। अभियान में अब तक 2165 अपराधी गिरफ्तार किए हैं। इनमें 438 हार्डकोर और अंतरराज्यीय बदमाश शामिल हैं। ये वही अपराधी हैं जो चोरी, डकैती, लूट, गैंगवार और हत्या के प्रयास जैसी गंभीर वारदातों में शामिल थे। अभियान में एक बड़ा कदम यह भी शामिल है, आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलना। 13 नवंबर तक 118 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई, जिनमें अकेले 13 नवंबर को 23 कुख्यात बदमाश शामिल थे। हिस्ट्रीशीट खोलने का मतलब है कि इन पर अब हर वक्त पुलिस की लाइव निगरानी रहेगी।

डीजीपी की दो-टूक, अपराध छोड़ो या हरियाणा छोड़ो

राज्य के डीजीपी ओपी सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि ऑपरेशन ट्रैक-डाउन रुकने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक हरियाणा अपराध मुक्त नहीं हो जाता, हर थाने, हर यूनिट और हर स्पेशल टीम इसी मिशन मोड में काम करती रहेगी। इस पूरे अभियान ने यह साबित कर दिया है कि हरियाणा में अब गैंगस्टर कल्चर के लिए कोई जगह नहीं। अपराधी या तो जेल में होंगे या भगोड़े, लेकिन सुरक्षित नहीं राज्य की पुलिस फोर्स इस समय जिस दमदार और तेज रफ्तार कार्रवाई में जुटी है, वह बताती है कि हरियाणा को अपराधमुक्त बनाने का संकल्प अब जमीनी हकीकत बन रहा है।

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