ऑपरेशन सिंदूर ने नौसेना की युद्ध तैयारी को दर्शाया : एडमिरल त्रिपाठी
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने रविवार को कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय नौसेना की निरंतर युद्ध की तैयारी को प्रदर्शित किया, जिसमें पहलगाम हमले के बाद त्वरित तैनाती, हथियारों की फायरिंग और आक्रामक युद्धाभ्यास के साथ पाकिस्तानी बेड़े को उसके बंदरगाहों के भीतर ही सीमित कर दिया गया। एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि जब वैश्विक समुद्र में उथल-पुथल मची होती है, तो दुनिया एक स्थिर प्रकाश स्तंभ की तलाश करती है। भारत यह भूमिका निभा सकता है और समुद्र में भारतीय नौसेना की गतिविधियां इस ज़िम्मेदारी को दर्शाती हैं। वह नौसेना फाउंडेशन पुणे चैप्टर द्वारा आयोजित ‘भू-राजनीति, प्रौद्योगिकी और रणनीति के निरंतर प्रवाह के बीच भारतीय नौसेना की गति' विषय पर एडमिरल जेजी नाडकर्णी स्मारक व्याख्यान दे रहे थे।उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना अपनी युद्ध की तैयारी के लिए जानी जाती है और हम हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहते हैं, भले ही वे बहुत कम हों। लेकिन अब क्या बदल गया है? आज, युद्ध बिना किसी पूर्व सूचना के हो रहे हैं और यह हमारी स्थिति और तैयारी के लिए निरंतर तत्परता का प्रतीक है। ऑपरेशन सिंदूर इस संबंध में एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन ने नौसेना की निरंतर तैयारी को प्रदर्शित किया, जिसमें हमारे जहाजों की त्वरित तैनाती, नृशंस पहलगाम हमले के 96 घंटों के भीतर कई हथियारों से गोलाबारी, आक्रामक युद्धाभ्यास और उत्तरी हिंद महासागर में ‘कैरियर बैटल ग्रुप' की उपस्थिति के दबाव ने यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तानी नौसेना अपने तट के करीब या अपने बंदरगाहों के भीतर बनी रहे। कैरियर बैटल ग्रुप एक नौसैनिक समूह है जिसमें एक या अधिक विमान वाहक के साथ-साथ अन्य युद्धपोत जैसे विध्वंसक, फ्रिगेट और पनडुब्बियां शामिल होती हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना द्वारा प्रदर्शित की गई तैयारी से देश की अपने हितों की रक्षा करने की क्षमता के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर समुद्र से भी जबरदस्त ताकत उपलब्ध कराने की क्षमता का स्पष्ट संदेश गया है।
