ऑपरेशन सिंदूर : राज्यसभा में शाह ने दिया जवाब, विपक्ष का वॉकआउट
राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस सहित विपक्ष के सदस्यों ने ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जवाब नहीं दिये जाने को सदन का अपमान बताते हुए वॉकआउट किया। करीब 16 घंटे तक चली विशेष चर्चा का जवाब देने के लिए गृह मंत्री अमित शाह जब खड़े हुए तो विपक्षी सदस्यों ने इस बात को लेकर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी कि जब प्रधानमंत्री ने एक सदन में जवाब दिया तो वह उच्च सदन में जवाब देने के लिए क्यों नहीं आये? शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री अपने कार्यालय में ही हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे से जब निपट रहा है तो प्रधानमंत्री जी को क्यों बुला रहे हो। ज्यादा तकलीफ होगी।’
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में रहकर भी यहां नहीं आते हैं तो यह सदन का अपमान है।
इस बीच, शाह ने कहा कि पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले तीन आतंकवादी ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं और इस हमले में उनकी संलिप्तता वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित कर ली गयी है।
शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अपने वोट बैंक और तुष्टीकरण की नीति के कारण पाकिस्तान एवं आतंकवादियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के दो दिन पहले के बयान का हवाला देते हुए कहा वह किसे बचाना चाहते थे, पाकिस्तान को, लश्कर को या आतंकवादियों को।
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर को क्रूरतम पहलगाम आतंकी हमले की सोची-समझी सटीक प्रतिक्रिया करार देते हुए कहा कि यह अब भारत की नयी नीति का आधार बन गया है। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ संघर्षविराम को लेकर किसी भी तीसरे पक्ष की ओर से कोई मध्यस्थता नहीं हुई। उन्होंने कहा ‘इसका सवाल ही नहीं उठता।’ विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस सैन्य कार्रवाई को रोकने का व्यापार से कोई संबंध नहीं था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जयशंकर ने परोक्ष हमला बोला। उन्हें ‘चाइना गुरु’ करार देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि वह चीनी राजदूत से ‘निजी ट्यूशन’ लेते हैं।