Operation Sindoor : भारतीय नौसेना ने रचा इतिहास, राजनाथ बोले- ऑपरेशन सिंदूर में दुनिया ने देखा भारत का ‘सी-पावर’ शो
Operation Sindoor : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि दुनिया ने ‘ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय नौसेना की ताकत देखी, क्योंकि इसके दृढ़ रुख ने पाकिस्तान को बंदरगाह या अपने तट तक ही सीमित रहने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने नौसेना की युद्ध तत्परता की सराहना की। सिंह ने भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' भारत की क्षमता का प्रतीक है और यह दुनिया के लिए संदेश है कि वह हर चुनौती का जवाब देने के लिए हमेशा तैयार है।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान के दौरान ‘दृढ़ रुख' बनाए रखने के लिए बल की सराहना की, जिसके कारण पाकिस्तान को बंदरगाह या तट तक सीमित रहना पड़ा था। इस साल 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना के विमान वाहक युद्धपोत, पनडुब्बियों और विमानन परिसंपत्तियों को उत्तरी अरब सागर में तैनात किया गया था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नौसेना कराची सहित समुद्र और जमीन पर चुनिंदा लक्ष्यों पर हमला करने के लिए पूरी तत्परता के साथ अग्रिम मोर्चे पर तैनात रही।
रक्षा मंत्री ने हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारतीय नौसेना की उपस्थिति को ‘‘मित्र राष्ट्रों के लिए सहजता'' और ‘‘क्षेत्र को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों के लिए असहजता'' का विषय बताया। सिंह ने नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में कहा कि आईओआर समकालीन भू-राजनीति का केंद्र बन गया है। यह अब निष्क्रिय नहीं रहा। यह प्रतिस्पर्धा और सहयोग का क्षेत्र बन गया है। भारतीय नौसेना ने अपनी बहुआयामी क्षमताओं के माध्यम से इस क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले छह महीनों में, हमारे जहाजों, पनडुब्बियों और नौसेना के विमानों को अभूतपूर्व पैमाने पर तैनात किया गया है। इसके अलावा, हमारी नौसेना ने लगभग 335 व्यावसायिक जहाजों को सुरक्षित मार्ग प्रदान किया है, जो लगभग 12 लाख मीट्रिक टन माल के बराबर है और इसका व्यापार मूल्य 5.6 अरब अमेरिकी डॉलर है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब वैश्विक समुद्री अर्थव्यवस्था में एक विश्वसनीय और सक्षम भागीदार बन गया है। रक्षा मंत्री ने तेजी से बदल रहे विश्व के साथ तालमेल बिठाते हुए नौसेना की रणनीति और सोच को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें तीन क्षेत्रों - क्षमता, लोग और साझेदारी में मिलकर काम करना होगा। क्षमता का अर्थ है प्रौद्योगिकी और ताकत; लोगों का अर्थ है नौसैनिक और उनके परिवार; और साझेदारी का अर्थ है उद्योग, शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग।'' रक्षामंत्री ने कहा, ‘‘जब ये तीनों एक साथ आएंगे, तो हमारी नौसेना और भी अधिक विश्वसनीय और शक्तिशाली बल के रूप में उभरेगी।'' सिंह ने स्वदेशी उपकरणों के माध्यम से अपनी क्षमताओं को बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत के ध्वजवाहक के रूप में उभरने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की।
उन्होंने कहा, ‘‘गत 10 साल में नौसेना के लगभग 67 प्रतिशत पूंजी अधिग्रहण अनुबंध भारतीय उद्योगों के साथ हुए हैं। इससे साबित होता है कि अब हम केवल आयात पर निर्भर नहीं हैं।'' सिंह ने कहा कि भारतीय नौसेना 194 नवाचार और स्वदेशीकरण परियोजनाओं पर काम कर रही है। आज हमारी नौसेना देश की आत्मनिर्भरता, नवाचार और औद्योगिक विकास में अग्रणी बन गई है।''