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Operation Sindoor Abuse Dispute : अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर महमूदाबाद को मिली राहत, कोर्ट ने आरोपपत्र पर लगाई रोक

ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मामला दर्ज किया गया था
प्रोफेसर महमूदाबाद। पीटीआई फाइल फोटो
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Operation Sindoor Abuse Dispute : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निचली अदालत को अशोका विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में हरियाणा एसआईटी द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से रोक दिया। अली खान महमूदाबाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मामला दर्ज किया गया था।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निचली अदालत पर मामले में कोई भी आरोप तय करने पर भी रोक लगाई। महमूदाबाद के खिलाफ उनके विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज दो प्राथमिकियों की जांच के लिए शीर्ष अदालत ने एसआईटी गठित की थी। एसआईटी ने पीठ को सूचित किया कि उनमें से एक में उसने क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है, जबकि एक में 22 अगस्त को आरोप पत्र दायर किया गया क्योंकि यह पाया गया कि कुछ अपराध किए गए थे।

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महमूदाबाद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने आरोपपत्र दाखिल किए जाने को "अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण" बताया और कहा कि उन पर बीएनएस की धारा 152 (देशद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसकी वैधता को चुनौती दी गई है। पीठ ने सिब्बल से आरोपपत्र का अध्ययन करने और कथित अपराधों का चार्ट तैयार करने को कहा और कहा कि वह अगली सुनवाई पर इन दलीलों पर विचार करेगी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि महमूदाबाद के खिलाफ एक प्राथमिकी में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है और मामले से संबंधित सभी कार्यवाही रद्द करने का निर्देश दिया। इससे पहले 16 जुलाई को शीर्ष अदालत ने मामले में हरियाणा एसआईटी की जांच की दिशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘‘यह दिशाहीन है''। शीर्ष अदालत ने 21 मई को महमूदाबाद को अंतरिम जमानत दे दी, लेकिन उनके खिलाफ जांच पर रोक लगाने से इनकार किया था।

साथ ही एसआईटी को एफआईआर की जांच करने का निर्देश दिया था। हरियाणा पुलिस ने महमूदाबाद के खिलाफ दो प्राथमकी दर्ज होने के बाद 18 मई को उन्हें गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में उनके सोशल मीडिया पोस्ट से देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा पैदा हुआ। सोनीपत जिले में राई पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज कीं। एक प्राथमिकी हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर और दूसरी एक गांव के सरपंच की शिकायत पर दर्ज की गई।

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