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Operation Bluestar Dispute : चिदंबरम की टिप्पणी से खफा कांग्रेस, ऑपरेशन ब्लूस्टार पर गरमाया माहौल

ऑपरेशन ब्लूस्टार के बारे में चिदंबरम के बयान से बेहद नाराज है कांग्रेस नेतृत्व : सूत्र
पी चिदंबरम। पीटीआई फाइल फोटो
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Operation Bluestar Dispute : कांग्रेस नेतृत्व 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' के बारे में पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा दिये गए बयान से "बेहद नाराज" है और उसका मानना ​​है कि वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा कर सकने वाले सार्वजनिक बयान देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।

चिदंबरम ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश के कसौली में एक साहित्यिक कार्यक्रम में कहा कि ऑपरेशन ब्लूस्टार "गलती" थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने "इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई।” पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व का मानना ​​है कि "कांग्रेस से सब कुछ पाने वाले वरिष्ठ नेताओं को पार्टी के लिए शर्मिंदगी पैदा कर सकने वाले बयान देने में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। यह आदत नहीं बननी चाहिए।"

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उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं को सार्वजनिक बयान देते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि उनके बार-बार के बयान पार्टी के लिए समस्याएं पैदा करते हैं, जो सही नहीं है। सूत्रों ने चिदंबरम के बारे में कहा, "पार्टी का शीर्ष नेतृत्व बहुत नाराज है। पार्टी के सभी कार्यकर्ता इस बात से परेशान हैं कि ऐसा बार-बार क्यों हो रहा है।" चिदंबरम ने हाल ही में कुछ ऐसे बयान दिए हैं जिनसे पार्टी को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।

कसौली में खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव में चिदंबरम ने कहा, "सभी आतंकवादियों को पकड़ने का कोई और तरीका हो सकता था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार एक गलती थी।" राज्यसभा सदस्य चिदंबरम ने पत्रकार और लेखिका हरिंदर बावेजा से उनकी पुस्तक 'दे विल शूट यू मैडम: माई लाइफ थ्रू कॉन्फ्लिक्ट' पर बातचीत के दौरान कहा, "सभी आतंकवादियों को पकड़ने का कोई और तरीका हो सकता था, लेकिन ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत तरीका था। मैं मानता हूं कि श्रीमती गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई। यह सेना, खुफिया विभाग, पुलिस और नागरिक सुरक्षा एजेंसियों का निर्णय था और आप इसके लिए पूरी तरह से श्रीमती गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते।"

ऑपरेशन ‘ब्लू स्टार' दमदमी टकसाल के प्रमुख नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले और उनके लोगों को सिखों के सबसे पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर से खदेड़ने के लिए 1 से 10 जून 1984 के बीच चलाया गया सैन्य अभियान था। उसी वर्ष 31 अक्टूबर को सिख अंगरक्षकों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी।

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