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देश के लिए एक ही संविधान जरूरी : जस्टिस गवई

कहा-अंबेडकर ने किसी राज्य के लिए अलग संविधान का समर्थन नहीं किया
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नागपुर, 28 जून (एजेंसी)

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने देश को एकजुट रखने के लिए एक ही संविधान रखने की पैरोकारी की थी और कभी भी किसी राज्य के लिए अलग संविधान के विचार का समर्थन नहीं किया। यहां संविधान प्रस्तावना पार्क के उद्घाटन पर उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक संविधान के तहत अखंड भारत के डॉ. आंबेडकर के दृष्टिकोण से प्रेरणा ली है। उन्होंने मराठी में सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'जब अनुच्छेद 370 को चुनौती दी गई थी, यह हमारे समक्ष आया था और जब सुनवाई जारी थी तो मुझे डॉ. अंबेडकर के शब्द याद आए कि एक देश के लिए एक ही संविधान उपयुक्त है। अगर हम देश को एकजुट रखना चाहते हैं तो हमें केवल एक संविधान की आवश्यकता है।

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न्यायाधीश गवई उस पांच जजों की संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखा था। केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। कार्यक्रम में, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि सीजेआई ने संविधान प्रस्तावना पार्क का उद्घाटन किया और डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण किया। मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि यदि हम प्रस्तावना के मूल्यों को स्वीकार कर लें तो देश की 90 प्रतिशत समस्याएं हमेशा के लिए हल हो जाएंगी।

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