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Online Betting Case : ऑनलाइन सट्टेबाजी को लेकर जनहित याचिका पर कोर्ट सख्त, केंद्र से मांगी कार्रवाई

न्यायालय ने ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी से जुड़ी जनहित याचिका पर केंद्र से सहायता मांगी
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Online Betting Case : केंद्र सरकार ने कथित तौर पर सोशल और ई-स्पोर्ट्स खेलों की आड़ में संचालित किए जा रहे ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी करने से जुड़ी याचिका पर केंद्र सरकार से सहायता मांगी है।

न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से कहा कि वह जनहित याचिका की एक प्रति केन्द्र सरकार के वकील को सौंपें। पीठ ने शुक्रवार को कहा, ‘‘हम वीसी भारती से अनुरोध करते हैं कि वह याचिका पर गौर करें और अगली सुनवाई में हमारी सहायता करें। सुनवाई दो सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध की जाए।''

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शीर्ष अदालत ‘सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज' (सीएएससी) थिंक टैंक की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र को ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि ये प्लेटफार्म कथित तौर पर सोशल और ई-स्पोर्ट्स गेम की आड़ में संचालित होते हैं।

याचिका में दावा किया गया कि भारत के अधिकतर राज्यों में सट्टेबाजी और जुए को गैरकानूनी गतिविधियां माना जाता है। हाई कोर्ट में कई मामलों पर सुनवाई हुई, जिनमें सरकार और गेमिंग प्लेटफार्म ने हलफनामे दायर किए। इनका विश्लेषण करने पर पता चला है कि 65 करोड़ से अधिक लोग ऐसे खेल खेल रहे हैं। इससे भारत में 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार होता है। भारत की लगभग आधी आबादी ऑनलाइन गेम खेलने में संलिप्त है, जिससे समाज, अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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