मुख्य समाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाफीचरसंपादकीयआपकी रायटिप्पणी

Online Betting Apps : आईपीएल की चमक में सट्टेबाजी का साया, कोर्ट ने सरकार से ऑनलाइन ऐप्स पर की सख्त कार्रवाई की मांग

आईपीएल के नाम पर लोग सट्टेबाजी कर रहे: न्यायालय ने ऑनलाइन ऐप पर नियमन के अनुरोध वाली याचिका पर कहा
Advertisement

नई दिल्ली, 23 मई (भाषा)

Online Betting Apps : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नाम पर लोग सट्टेबाजी कर रहे हैं और ऑनलाइन जुआ खेल रहे हैं। न्यायालय ने सट्टेबाजी ऐप को विनियमित करने के अनुरोध वाली जनहित याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा।

Advertisement

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने केए पॉल की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्होंने दावा किया था कि ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े ऐप का इस्तेमाल करने के बाद कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कई प्रभावशाली लोग, अभिनेता और क्रिकेटर इन ऑनलाइन ऐप का प्रचार कर रहे हैं, जिसके कारण बच्चे सट्टेबाजी की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

पॉल ने कहा कि सिगरेट के मामले में पैकेट पर धूम्रपान के दुष्प्रभाव अंकित होते हैं, लेकिन सट्टेबाजी ऐप के मामले में इस तरह की कोई चेतावनी प्रकाशित नहीं की जाती और पूर्व भारतीय क्रिकेटर भी आईपीएल में इस तरह के ऐप का प्रचार कर रहे हैं। पीठ ने कहा, ‘‘आईपीएल के नाम पर बड़ी संख्या में लोग सट्टा लगा रहे हैं और जुए में लिप्त हैं। यह गंभीर मामला है।''

अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए पॉल ने कहा, ‘‘मैं यहां उन लाखों माता-पिता की ओर से पक्ष रख रहा हूं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपने बच्चे खोए हैं। तेलंगाना में 1,023 से अधिक लोगों ने आत्महत्या की, क्योंकि 25 बॉलीवुड और टॉलीवुड सितारों/प्रभावशाली लोगों ने मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ किया।''

उन्होंने यह भी दावा किया कि तेलंगाना में प्रभावशाली लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, क्योंकि मामला मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का है। पीठ ने कहा कि वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि ये समाजिक विकृतियां हैं और कानून बनाकर लोगों को सट्टेबाजी में लिप्त होने से नहीं रोका जा सकता।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, ‘‘क्या किया जा सकता है? सैद्धांतिक रूप से हम आपके साथ हैं कि इसे रोका जाना चाहिए... लेकिन शायद आप इस गलतफहमी में हैं कि इसे कानून के जरिये रोका जा सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘जैसे हम लोगों को हत्या करने से नहीं रोक सकते, वैसे ही कोई कानून लोगों को सट्टेबाजी या जुआ खेलने से नहीं रोक सकता।''

पॉल ने कहा कि कुछ पूर्व क्रिकेटर भी इन ऐप को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके कारण बहुत से युवा सट्टेबाजी में लिप्त हो रहे हैं। पीठ ने कहा कि वह केंद्र से पूछेगी कि वह इस मुद्दे पर क्या कर रहा है और इस मुद्दे पर सरकार से जवाब तलब किया। शीर्ष अदालत ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की सहायता भी मांगी।

Advertisement
Tags :
cricket newsDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsIndian Cricket Team CaptainIPL 2025IPL teamlatest newsOnline Betting AppsSports NewsSupreme Courtआईपीएल 2025दैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार