गुवाहाटी, 22 मई (एजेंसी)
एक महीने पहले अगवा किए गये ओएनजीसी कर्मचारी रितुल सैकिया को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने शनिवार को रिहा कर दिया। असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) उग्रवादियों ने रितुल को शनिवार सुबह नगालैंड के मोन जिले के पास म्यांमार सीमा क्षेत्र में छोड़ा। वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले।
उग्रवादियों ने 21 अप्रैल को असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिले में स्थित लाकवा तेल क्षेत्र से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के 3 कर्मचारियों का अपहरण किया था। एक मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को 2 कर्मचारियों- मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया को बचा लिया गया था, जबकि रितुल सैकिया की तलाश चल रही थी। असम के नये मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने ओएनजीसी कर्मचारी की रिहाई का स्वागत किया। सरमा ने कहा कि उन्हें हर किसी के सहयोग से राज्य में शांति एवं विकास का युग कायम होने की उम्मीद है। गौर हो कि मुख्यमंत्री ने 20 मई को संवाददाता सम्मेलन में उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ से ओएनजीसी के ककर्मचारी को रिहा करने की अपील की थी और कहा था कि असम सरकार राज्य की प्रगति के लिए तथा निवेश करने के वास्ते तेल कंपनियों पर दबाव बनाएगी। इसके बाद बरुआ ने स्थानीय टीवी चैनलों को फोन किया था और 7 दिनों से भी कम समय में सैकिया को रिहा करने की घोषणा की थी। फोन पर बरुआ ने सरमा की तारीफ की और कहा कि असम में दशकों बाद ऐसा ऊर्जावान मुख्यमंत्री बना है।