झज्जर, 23 नवंबर (हप्र)
दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में खाली पड़े टैंटों को भरने के लिए किसान जत्थेबंदियों ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है। हरियाणा और पंजाब के किसानों की बॉर्डर तक पहुंचने के लिए ड्यूटी लगाई गई है। 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन को एक साल पूरा होने जा रहा है। किसान नेता मंच से आंदोलन का लेखा-जोखा देंगे। आंदोलन के दौरान किसानों ने क्या खोया और क्या पाया, इसकी जानकारी उन्हें दी जाएगी।
भारतीय किसान यूनियन ( राजेवाल) के महासचिव परगट सिंह का कहना है कि किसान 26 नवंबर को आंदोलन की जीत का जश्न मनाएंगे और जो झोपड़ियां खाली हैं, वे एक बार फिर से भर जाएंगी। हरियाणा और पंजाब से इतने किसान आएंगे कि उनके रहने के लिए जगह कम पड़ जाएगी।
परगट सिंह ने सरकार से संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा प्रधानमंत्री को लिखी गई खुली चिट्ठी की सभी 6 मांगें पूरे करने की मांग की है। उनका कहना है कि कानून तो रद्द होंगे ही, साथ ही एमएसपी और अन्य मांगों को लेकर भी बातचीत शुरू होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 29 नवंबर को प्रस्तावित संसद ट्रैक्टर मार्च पर फैसला लेने के लिए भी 27 नवंबर को संयुक्त मोर्चा एक बार फिर से बैठक करेगा। इसी बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि 29 नवंबर को किसान दिल्ली में ट्रैक्टर पर सवार होकर मार्च निकालेंगे या नहीं।