दिल्ली में लाल किले के पास हुए विस्फोट के एक महीने बाद भी पीड़ित परिवार दुख से उबरने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। दिल्ली में 10 नवंबर को एक हुंडई आई20 कार में बड़ा विस्फोट हुआ, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। विस्फोट के कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे तथा घटनास्थल से प्राप्त दृश्यों में क्षत-विक्षत शव और बिखरा हुआ मलबा दिखाई दिया था।
चांदनी चौक के भागीरथ पैलेस में काम करने वाले दवा व्यवसायी अमर कटारिया भी इस हादसे में मारे गए थे। त्रासदी के बाद के शुरुआती दिनों में उनका तीन साल का बेटा हर छोटी सी आवाज पर दरवाजे की ओर दौड़ता रहता था। अमर के रिश्तेदार स्वदेश सेठी ने कहा कि बच्चे को लगता था कि उसके पिता आ रहे हैं। बच्चे को अभी भी लगता है कि वह कहीं बाहर हैं और जल्द ही लौट आएंगे। कटारिया निवास में अमर की पत्नी कृति ने उस दुर्भाग्यपूर्ण रात के बाद से मुश्किल से ही बात की है। वह गहरी खामोशी में डूबी हुई है। इसी तरह नोमान (23) उत्तर प्रदेश के झिंझाना से अपनी सौंदर्य प्रसाधन की दुकान के लिए सामान खरीदने दिल्ली आया था, लेकिन वह कभी घर वापस नहीं लौटा। नोमान का बड़ा भाई साहिल, जो किडनी की बीमारी से पीड़ित है और अस्पताल में भर्ती है, अब भी नहीं जानता कि उसका छोटा भाई मर चुका है। शाहदरा के रोहतास नगर में 10 नवंबर की शाम अपने पड़ोसी और दोस्त राहुल कौशिक के साथ गौरी शंकर मंदिर दर्शन करने गए अंकुश शर्मा एक अलग ही लड़ाई लड़ रहे हैं। दोनों विस्फोट में फंस गए थे। विस्फोट में झुलसे राहुल को इलाज के बाद घर भेज दिया गया, जबकि अंकुश का संघर्ष बहुत कठिन है। उसकी एक आंख की रोशनी चली गई और एक कान से सुनने की शक्ति भी चली गई।
एनआईए ने की आठवीं गिरफ्तारी
एनआईए ने विस्फोट के सिलसिले में आठवीं गिरफ्तारी की है। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य आरोपी डॉ. बिलाल नसीर मल्ला जम्मू-कश्मीर के बारामूला का निवासी है और उसे राष्ट्रीय राजधानी से गिरफ्तार किया गया। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा, ‘एनआईए की जांच के अनुसार, बिलाल ने जानबूझकर मृत आरोपी उमर उन नबी को आश्रय दिया और उसे लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की। उस पर आतंकवादी हमले से संबंधित सबूत नष्ट करने का भी आरोप है, एनआईए इस घातक विस्फोट के पीछे की साजिश की जांच कर रहा है।
आरोपी आमिर राशिद की हिरासत सात दिन बढाई
दिल्ली की एक अदालत ने मामले के आरोपी आमिर राशिद अली की एनआईए हिरासत मंगलवार को सात दिन के लिए बढ़ा दी। उसे दो दिसंबर को एनआईए की हिरासत में भेजा गया था। विस्फोट में मदद करने के आरोपी जम्मू-कश्मीर निवासी आमिर को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। मंगलवार को उसे प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजू बजाज चांदना के समक्ष पेश किया गया।
अनंतनाग, कुलगाम में छापेमारी
श्रीनगर : एनआईए की एक टीम ने विस्फोट की जांच के तहत मंगलवार को जम्मू कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम जिलों में कई जगहों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की सहायता से एनआईए के अधिकारी उन दो आरोपियों डॉ. अदील राठेर और जसीर बिलाल वानी को साथ लेकर आए, जिन्हें ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। यह छापेमारी उन दो आरोपियों की निशानदेही पर की गई जिन्होंने जांचकर्ताओं को अनंतनाग के मट्टन वन क्षेत्र और कुलगाम के काजीगुंड क्षेत्र के वनपोरा में अपने ठिकानों के बारे में बताया था। गौर हो कि अनंतनाग के नौगाम के बनपोरा में विभिन्न स्थानों पर लगे जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टरों की जांच से आतंकी नेटवर्क का खुलासा हुआ।

