उत्तराखंड में मौसम की मार से हो रही तबाही थम नहीं रही है। बृहस्पतिवार को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और बाढ़ से चमोली जिले के चार गांवों में 30 से ज्यादा घर ढह गए, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और 11 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने बताया कि मलबे से एक शव बरामद किया गया है, जबकि कुंतारी लगफली गांव में तीन लोगों (दो महिलाओं और एक बच्चे) को बचा लिया गया है। मृतक की पहचान नरेंद्र सिंह (42) के रूप में हुई है। एसईओसी ने बताया कि कुंतारी लगफली के सात और कुंतारी लगसरपानी और धुरमा के दो-दो लोग लापता हैं। सभी चार प्रभावित गांव नंदानगर क्षेत्र में आते हैं। नंदानगर पहले से ही भू-धंसाव से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘भारी बारिश के बाद चार गांवों में मलबे से 30 घर, कई दुकानें और गौशालाएं नष्ट हो गईं। 20 घायल हुए हैं।’ उन्होंने बताया कि 200 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। एसईओसी ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, पुलिस और दमकल कर्मियों द्वारा गांवों में खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। धामी ने कहा कि आपदा के कारण शिविरों में रह रहे लोगों का हर प्रकार से ध्यान रखा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारों धामों की यात्रा सुचारू रूप से जारी है, लेकिन यात्रियों से अपील है कि वे मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान में रखकर अपनी यात्रा करें।
हिमाचल : चार जिलों में भारी येलो अलर्ट
शिमला : हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस बीच राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई। प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 566 सड़कें बंद कर दी गई हैं। स्थानीय मौसम विभाग कार्यालय ने बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के अलग-अलग इलाकों में भारी बारिश की अाशंका जताई है। गौरतलब है कि इस साल मानसून के आगमन के बाद से, इस हिमालयी राज्य में बादल फटने की 46, अचानक बाढ़ की 98 और बड़े भूस्खलन की 145 घटनाएं हुई हैं, जबकि 419 लोगों की मौत हो चुकी है।
जम्मू धरती में धंसे मकान
जम्मू : जम्मू-कश्मीर के खारी गांव में जमीन धंसने से कई परिवार बेघर हो गए हैं और तिरपाल के नीचे दिन गुजार रहे हैं। मोहम्मद जावेद का दो मंजिला घर करीब डेढ़ वर्ष पहले बना था, लेकिन अब मिट्टी में समा चुका है। खारी गांव को जम्मू का ग्रीन इंजन कहा जाता है, लेकिन यह अब किसी भूकंप प्रभावित क्षेत्र जैसा प्रतीत होता है। कई मकान धरती में धंस गए हैं, छतें और दीवारें ढह गई हैं।